Desi Family Chudai Kahani – लंडखोर औरत ने जवान भांजे का लंड खाया
Desi Family Chudai Kahani
मेरा नाम सीमा है और मेरी उम्र 42 साल है। मैं क्रेजी सेक्स स्टोरिज की बहुत बड़ी फैन हूं। मैंने इस साईट की सारी कहानियां पढ़ी है। कई कहानी पढकर अपने चूत की खुजली मिटाई है। मैं बचपन से ही बहूत खुबसूरत रही हूं। मेरे चोदने वालों ने मेरा नाम घर की रंडी रख दिया है। मुझे बचपन से ही चूदने की कला आ गयी थी। Desi Family Chudai Kahani
देखने में सुंदर और भरी पूरी थी तो मेरी चुदाई की शुरूआत मेरे घर से ही शुरू हो गयी थी। सबसे पहले मेरे जीजा ने मेरे चूत का सील तोड़ा था। उसके बाद मुझे चूदने की लत लगा दी। जिसके बाद मेरे घर के कई सदस्यों ने मेरी बारी बारी से चुदाई की थी। दूर-दूर के रिश्तेदारों को भी मैने जवान कर दिया था।
कई बुढे रिश्तेदारों से लेकर जवान रिश्तेदारों को चूत चोदने की लत मैने लगा दी थी। अब मेरा चूत, चूत नहीं बल्कि एक चलता फिरता तालाब हो गया था जिसमें आकर कोई भी डुबकी लगा सकता था। शादी के बाद सुहाग रात को मेरे पति ने मुझे साफ कह दिया था तुम तो चूदी चूदाई खेली खाई धुनाई हुई माल हो।
उसे चूत चोदते ही पता चल गया था कि मेरा चूत चूत नहीं बल्कि एक भोसड़ा हो चूका था। ससुराल के भी कई नौजवानों को, जो लोग कभी चूत का दर्शन नहीं किये थे मैने सभी को चुदाई के गुर सिखाकर हुनरमंद कर दिया था। याने नइहर से लेकर ससुराल तक मैंने सभी लोगों को चोदू सम्राट बना दिया था। ऐसा कोई मर्द नहीं था जो मेरे चूत के कहर से बचा हो।
मैं एक नंबर की मर्दखोर और चूदास औरत रही हूं। खैर अब मैं अपनी कहानी पर आती हूं। आज की कहानी जो है वो मेरे ननद की भाजे की है जिसका नाम रवि था। वो सहारनपूर में रहता था। मेरी शादी के समय वो मेरे उम्र का ही रहा होगा। वो उसी समय से मुझे चोदने की फिराक में रहता था। उसने अपनी चाहत की बात अपनी मां से कह रखी थी।
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जो खुद एक नंबर की चूदास औरत थी। उसकी मां का मुझसे पटरी खाता था। दोस्तो दो चूदास औरतों का पटरी जबरदस्त खाता है। वो मुझे हमेशा रवि के साथ मजे लेने के लिए उक्साति रहती थी। मुझे लगता था कि उसका बेटा रवि उसको भी चोदता था। हांलाकि ये बात उसने मुझे नहीं बतायी थी। मैं राजनगर में रहती थी और वो सहारनपूर।
हम दोनों की प्रतिदिन फोन पर बातें होती थी। बातों को कोई ओर छोर नहीं होता था। बातें शुरू होती थी उसके मामा के घर से और खत्म होती थी चोदा-चोदी की बातों से। याने मूल बाते चुदाई की होती थी और हम दोनों हस्तमैंथुन कर अपनी जवानी की गर्मी को शांत करते थे। मैंने अपने जवानी में कितने लंड खाये थे इसकी गिनती मेरे पास नहीं थी।
मैने अपनी सेक्स की प्यास बुझाने के लिए कई अलग-अलग आदमियों का सहारा लेती आई हूं। लंड के हर वेराइटी को चख चूकी हूं। मेरी बॉडी फिगर 38-34-38 है। मेरी पूरी बॉडी क्लीन शेव और एकदम चिकनी है। मैं पली बढी तो देहाती परिवेश में मगर मैं आजाद ख्याल की महिला हूं। मैं किसी भी एक मर्द के साथ बंध के नहीं रह सकती।
मेरा मानना है एक चूत मिला है उसे सब को खिला दो और देखों की किसमें मजा आता है। चुदाई को लेकर मेरे विचार एकदम स्पस्ट हैं। जो मिले चूत के अंदर ले लो। क्या पतला, क्या मोटा, क्या लंबा क्या छोटा, क्या टेढा क्या सीधा। हर लंड का अपना टेस्ट और अपना मजा होता है। मुझसे मर्द हमेशा खुश रहते हैं। अब कहानी पर आते हैं।
रवि के बारे में मैंने बताया ही है। ये बात पिछले साल की है, जब रवि अपने मामा के घर आया हुआ था। उसके मामा और हमलोगों का घर एक ही शहर में है। मेरे बुढे पति सरकारी मुलाजिम हैं और वे दिन में अपने कार्यालय चले जाते थे और देर शाम को घर लौटते थे। मेरे दो बेटे हैं वो दोनों भी स्कूल चले जाते थे और मैं घर पर अकेली रहती थी।
इसी दौरान मेरी रंगरलियां चलती थी। खैर रवि अपने मामा के घर आया था और मुझे इस बात की खबर थी। रवि की उम्र 43 साल की है। मैं उससे आखरी बार 4 साल पहले मिली थी, तब वो मुझे चोद नहीं पाया था क्योकि उस दौरान पति की छुट्टियां थी और वो घर पर था। इस कारण रवि को मेरे चूत के दर्शन नहीं हो पाये थे और वो बहूत उदास हो गया था।
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इस बार वो मुझे चोदने की तैयारी के साथ अपने मामा के घर आया था। शनिवार का दिन था। मेरे घर की घंटी बजी। मैं गेट खोलने गयी। मैंने देखा कि रवि सामने खड़ा था। उसने एक टी-शर्ट और जीन्स पहन रखी थी तो मै उसे देखकर दंग ही रह गई, वो एकदम पूरा का पूरा बदल चुका था। उसकी हाईट और बॉडी दोनों ही कड़क लग रही थी।
फिर मैंने उसको अंदर बुलाया और उसको अपने सामने वाले गेस्ट रूम में बैठने को कहा। मैने उससे कहा कि तुम फ्रेश हो लो तब तक मैं चाय बनाती हूं। हम लोग नॉर्मल तरीके से मिले। नार्मल बातें हुई। मैंने उसे चाय दिया। इस दौरान उसने कहा कि अपना घर नहीं दिखाओगी। मैने कहा जरूर क्यों नहीं।
मैने उसे पूरा घर दिखाया और फिर घर के बालकनी को दिखाने के लिए सीढ़ियां चढने लगी। इस दौरान हमलोगो के बीच में कुछ नहीं हुआ था। सीढियों पर मैं आगे-आगे जा रही थी औ वो मेरे पीछे-पीछे था। अचानक से उसने मुझे सीढियों पर दबोच लिया और कहा कि सिर्फ घर दिखाओगी या जो मैं इतने सालों से दर्शन करना चाह रहा हूं उसे दिखाओगी।
मैं सिर्फ यहां तुम्हें चोदने आया हूं। फोन पर हमारी इस संदर्भ में बाते भी हुई थी। समय बर्बाद मत करो जान। मुझे अपने चूत का रस चखने दो। इतना कहते हुए रवि ने सीढियो पर ही अपने पूरे कपड़े खोल दिये और मेरे सामने नंगा खड़ा हो गया। मेरी नजर सबसे पहले उसे लंड पर पड़ी। उसका काला नाग भुजंग के समान खड़ा था।
मैं अनगिनत मर्दो से चुदी थी। अपने चूत में एक से बढकर एक लंड की मार झेली थी लेकिन ये भी सच है कि मैंने कभी भी इतना बड़ा लंड नहीं देखा था। मैं उसके खड़े लंड को देखकर थोड़ा हिल गयी। उसका लंड 9 इंच लंबा और 4 इंच मोटा था। उसने मुझे कहा-साली फोन पर तो बड़ी-बड़ी बातें करती थी। बोलती थी मुझे निगल जाएगी।
अब क्या हुआ। इसे देखते रहोगी या इसे चुसोगी भी। इतना कहकर उसने मेरे गर्दन पकड़कर मुझे झुका दिया। मेरी तो आंखे फटी की फटी रह गई बाप रे बाप इतना बड़ा ये इन्सान हैं या घोड़ा। उसके लंड पे चमडी चढ़ी हूई थी। मैने अपने हाथों से उसकी लौडे की चमडी हटायी और उसे मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
मैं तो रंडी थी। मोटा या छोटा मुझे क्या फर्क पड़ता था। मैंने उसके लंड को मुंह में लिया और उसको चूसना शुरू किया। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जैसे कि आज मुझे अपनी फेवरिट कुल्फी मिल गई है। मै मजे ले लेकर चूस रही थी और वो भी मेरा मुख चोदन कर रहा था जैसे कि वो मेरी चुत हो। मुझे अपने गले तक उसका लौड़ा महसूस हो रहा था।
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अचानक उसके मुंह से एक आह निकली और वो मेरे मुंह में ही झड़ गया। मेरा मुंह अपने माल से भर दिया उसका माल बहुत टेस्टी था तो मैं भी पुरा पी गई और चाट चाट कर उसका लौड़ा भी साफ कर दिया। उसका पानी निकलने के बाद मैंने उसे जीभ से चाटकर साफ कर दिया। इसके बाद हम दोनों सीढियों से उतरकर अपने कमरे में गये।
कमरे में घूसते ही उसने मुझे बेड पर उठाकर फेंक दिया और मेरे नाइटी को खोलकर फेंक दिया। मैने नीचे कुछ नहीं पहना था। ब्रा भी नहीं पहनी थी। मैं पूर्ण रूप से उसने सामने नंगी हो गयी। वो मुझे लिटाकर खुद ऊकड़ू होकर बैठ गया और एक रंडीबाज की तरह मेरे पूरे बदन को जीभ से चाटने लगा। “Desi Family Chudai Kahani”
उसने मेरे पैर से लेकर मेरे मेरे जांघ तक लगातार अपने जीभ से चटाई की। उसके चाटने से मेरे शरीर में सीहरन हो रही थी और मेरे शरीर के सारे रोयें खड़े हो गये थे। उसके बाद उसने नाभी से लेकर गर्दन तक जीभ से चाटा। साथ ही साथ मेरे पूरे चेहरे को चाट दिया। मुझे उसके चाटने से अजीब आनंद आ रहा था।
मैं इसका वर्णन नहीं कर सकती। उसके ऐसे करने से मेरे चूत से हल्का पानी रिसने लगा था। वो एकदम अय्यास की तरह मजे ले और दे रहा था। अब इस प्रक्रिया के बाद उसके बाद उसने मेरी दोनों टांगें खोल दी और अपनी जबान डालकर मेरी चूत को चाटने लगा, श्श्शश्श्श में बता नहीं सकती.
कितने दिनों के बाद मुझे इतना शानदार एहसास हो रहा था, वो मेरी चूत को चाटता रहा और फिर में थोड़ी देर बाद झड़ गयी। उसने मेरे चूत की रस को सुपड़ते हुए पी लिया। अब उसने मेरे दोनों बूब्स को एक साथ पकड़ा और उनके बीच में अपना बड़ा लंड डालकर रगड़ने लगा। मुझे तो बहुत मजा आ रहा था, मगर मेरी उसके लंड से चुदने की प्यास अब बहुत बड़ गयी थी।
अब उसने मुझे पकड़ा और मेरी चूत के छेद पर अपना लंड रख दिया और उसको धीरे-धीरे सहलाने लगा, मेरी तो मानो जान ही निकल गयी। फिर मैंने उससे बोला कि रवि मुझे अब और मत तड़पाओं और मुझे चोद डालो। आज मैं तुम्हारी हुई और मेरे साथ जो चाहो वो करो।
फिर इतना सुनते ही उसके हौसले बुलंद हो गये और उसने मुझसे कहा कि सीमा तुम फिक्र ना करो, तुम्हारी प्यास को आज मैं बुझाऊंगा, आपका मर्द हूं। उसके बाद रवि ने मेरे शरीर पर चूमना शूरू कर दिया मेरा कोई अंग ऐसा नहीं था जिस पर उसने किस न किया हो। मुझे तो अब सही गलत का होश ही नहीं था बस चुदाई की खुमारी चढ़ी थी।
उसने अपने दोनों हाथों से मेरे चूचियों को सहलाना शूरू कर दिया। वो बारी बारी से मेरे दोनों चूचियों को चूसने लगा। मेरे चुचे कड़क होकर खड़े हो गये। उसने मेरी चुचियों को पकड़ कर मसलने लगा। मैं मस्त होकर सिस्कारीयां भरने लगी। उसने फिर से मेरी टांगे चौड़ी कर दी फिर अपना मुंह मेरी चूत से लगाकर मेरी चूत का रसपान करने लगा. “Desi Family Chudai Kahani”
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उसकी जुबान मेरी चूत में खलबली मचा रही थी और मेरी चूत में गुदगुदी हो रही थी मुझे आज तक इतना मजा कभी नहीं आया था मैं उसका मुंह अपनी चूत पर दबा रही थी। उसने मेरी टांगे उठा कर अपने कन्धों पर रख दी और अपना लौड़ा मेरी चूत पर टिका दिया। मैने भी अपनी टांगे पूरी चौड़ी कर दी और उसे चोदने का इशारा किया।
उसने मेरी चूत पर अपना लौड़ा दबाना शुरू किया मुझे अपनी चूत पर उसके लौड़े का दबाव महसूस हो रहा था। तभी उसने एक जोरदार झटका लगाया और उसका लौड़ा मेरी चूत फाड़ता हूआ अन्दर घुस गया। मै घबरा गई और दर्द से चिल्लाते हुए खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगी।
पर उसने मुझे अपनी ओर खींच लिया और मुझे अपनी बांहो में भर लिया और मुझे कस के पकड़ लिया ताकि मैं छुट न सकूं। आखिरकार मैने हार मान लि और उसने मुझे होठों पर किस करना शूरू कर दिया और धीरे-धीरे मेरा दर्द भी कुछ कम हो गया और मुझे भी अच्छा लगने लगा।
अब मैं भी गांड उठा उठाकर उसका साथ देने लगी तो उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से शॉट लगाने लगा। हर एक शॉट में उसका लौड़ा मेरी पूरी चुत में गहराई तक उतर जाता और मैं भी टांगे ऊंची उठा कर अपनी चुदाई का पूरा मजा ले रही थी। पूरा कमरे में मेरी सिसकियां गूंज रही थी।
मेरे मुंह से आ आह आईई आईईसी ऊऊई मां अरे मर गई रे फाड़ ड़ाली मेरी मां चोद ड़ाली मेरी रे आह आआह आआऊऊईई। तो वो और भी जोश के साथ मेरी चुदाई करने लगा और मुझे गालियां देने लगा। ले भेन की लौड़ी। ले मेरा लौड़ा ले। मादरचोद साली आज तेरी चूत फाड़ दूंगा। साली रन्डी बहुत गर्मी है तेरी चूत में।
साली आज सारी गर्मी निकाल दूंगा। तेरी चूत का आज तो भोसड़ा बना दूंगा रांड । मुझे भी चुदते हुये गालियां देने से मजा आ रहा था। मैंने भी चोद साले भड़वे बना दे मेरी चुत का भोसड़ा बना साले हरामी मादरचोद उसे गालियां बकने लगी। उसने मेरी गांड पर चपत लगाई और मुझे गालियां देते हुए हचाक-हचाक चोदने लगा। “Desi Family Chudai Kahani”
मैं उसके लौड़े के आगे ज्यादा देर टिक नहीं पाई और मेरी चुत पानी छोड़ने लगी। और मैं झड़ गई पर वो अभी भी टिका हुआ था और मेरी चूत की गहराई तक चुदाई कर रहा था। अचानक उसने अपना लौड़ा मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और मुझे घुमाकर कुतिया बना दिया। अब वो मेरी चूत में पीछे से घमासान चुदाई करने लगा।
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। वैसे भी डॉगी स्टाइल में चुदाई में मुझे बहुत मजा आता है। वो मेरी चूत पर झटके पे झटके लगा रहा था। हर झटके के साथ मेरा मजा दुगुना हो जाता था। मेरी इतनी जोरदार तरीके से चुदाई हो रही थी की मेरा पूरा पलंग हिलने लगा था। आज तो पलंग तोड़ चुदाई का मेरी इच्छा पूरी हो गयी थी।
मेरा पूरा शरीर फिर ऐठने लगा और वो भी अपने पूरे चरम पर था। अचानक उसके झटकों की स्पीड़ बढ़ गई उसका भी बदन ऐठ्ने लगा। लगातार चूदाई के 30 मिनट से ऊपर हो गये थे। उसका हर प्रहार हथौडे के समान महसूस हो रहा था। वो बड़बड़ाये जा रहा था। शायद वो भी झड़ने वाला था और कुछ जोरदार झटकों के बाद हम दोनों साथ में झड़ गये।
उसने अपना लौड़ा मेरी चुत से बाहर निकाल लिया और मेरे चूचियों से चिपक कर लेट गया। हमदोनो के शरीर से पसीने बह रहे थे। पूरा कमरा पसीना, चूत और लंड की खुश्बू से सराबोर था। आज मैं पानी-पानी हो गयी थी। मैं उठी और बाथरूम गई और अपने शरीर को साफ किया। मेरे पूरे शरीर पर काटने के निशान मेरी जबरदस्त चुदाई की गवाही दे रहे थे।
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मेरी फटी हुई चूत आज फट गई थी । मैं फिर कमरे में जाकर उसके साथ चिपक कर सो गयी। करीब 20 मिनट के रेस्ट के बाद एक बार फिर हम दोनो की नींद खुली। दोनों नंगे लेटे हुए थे। उसने मुझे अपने लंड को चूसने का इशारा किया। मैं उठकर घुटने टेक के बैठ गई और उसका लण्ड चूसना शुरू कर दिया। “Desi Family Chudai Kahani”
मुझे लंड चूसना बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने चुस चुस कर उसका लंड गीला कर दिया। उसके लटके आंड़ चूसना शुरू कर दिया। उसका लंड तनकर शिकार करने को तैयार हो गया। रवि उठकर बैठ गया। मेरे पीछे आकर अपना लंड मेरे चुतडों पर रगड़ने लगा। इसी बीच उसने मेरी गांड को पकड़ कर चौड़ी कर दी और गांड के छेद को फैलाकर उसे कुत्ते की तरह लपालप चाटने लगा।
मैं मस्ती में झूम उठीं। उसने चाट-चाट कर मेरे गांड की छेद को गिला कर दिया। वहां की सारी गंदगी को अपने जीभ के साफ करने के बाद अपना लंड मेरी गांड पर टिका कर एक जोरदार झटका लगा दिया। उसका लंड का टोपा मेरी गांड के अन्दर घुस गया मेरी तो चीख निकल गई । आह मर गई । मार ड़ाला हरामी ने । फाड़ ड़ाली मेरी मादरचोद । गांड फाड़ दी भोसड़ीवाले ने।
पर उस ने मुझे नहीं छोड़ा बल्कि एक और जोरदार झटका लगा कर बाकी बचा आधा लंड भी मेरी गांड में घुसेड़ दिया और मेरी गांड पर एक के बाद एक प्रहार करने लगा। मैं दर्द से कराह रही थी और वो जालिम धक्के लगा रहा था। लगातार धक्कों के बाद धीरे-धीरे मुझे भी दर्द कम होने लगा। मैं भी गांड उठा उठा कर उसका साथ देने लगी।
अब वो पूरे जोश के साथ मेरी गांड मार रहा था और मैं भी मजे से आआऊऊईई आह्ह आह्ह्ह मार मेरे राजा ओर जोर से मार। फाड़ डाल मेरी गांड। ऐसे ही चोद मुझे आह्हह्ह रन्डी बना के चोद मुझे। आईईएउउउ चो…चोद मुझे । मुझे गांड मारवाने में मजा आ रहा था। रवि का स्पीड बेतरतीब बढता जा रहा था। “Desi Family Chudai Kahani”
वो मेरी गांड को बुरादा करने पर अमादा था। वो इस ता घोड़ी बनाकर करीब 20 मिनट तक मेरी गांड को फाड़ता रहा। मेरे गांड की सारी गंदगी उसके 9 इंच के लौड़े पर लगी यी थी। उसकी खुश्बू मेरी नथूनों में आ रही थी। 20 मिनट की घनघोर चुदाई के बाद रवि का लंड जबाव दे गया और वो मेरी गांड में छुट गया और झड़ कर अलग हो गया मैं भी पूरी तरह संतुष्ट हो गई थी।
आज गांड मारवाने में बहुत दर्द हुआ पर अच्छा भी बहुत लगा। अब जब भी मेरी चुदाई करवाती हूं तो गांड जरुर मारवाती हूं। रवि तीन दिन रहा और तीनों दिन दोपहरी में आकर मेरी चुदाई करता रहा। मैं अनेक मर्दो से चूदी हूं दोस्तो पर रवि की बात ही अलग है।
यही कारण रहा कि मैने आज अपनी पहली कहानी मे उस मर्द का जिक्र किया जिसने वाकई में मेरे शरीर और मेरी आत्मा को अपनी जोरदार चुदाई से रौंद डाला और हमेशा के लिए यादगार बना दिया। अगली कहानियों में दूसरे मर्द जिनके साथ मुझे चुदाई कराने में मजा आया उसका जिक्र करूंगी। तब तक के लिये बॉय-बॉय।