चुदवाने के लिए घर पर बुलाई अकेले में – Crazy Sex Story
Mastaram Ki Gandi Chudai Ki Kahani
मैं दिल्ली से हूँ। मैं इक्कीस साल का हूँ। यह कहानी एक साल पहले की है। बिल्कुल सच्ची घटना है। आशा है आप लोगों को पसंद आएगी और आप लोगों के ढेर सारे कमेंट्स भी मिलेंगे। उस समय मैं अपनी क्लास में सबसे पुराना स्टूडेंट था इसलिए सभी लड़कियों से मेरी अच्छी दोस्ती थी। Monika Darling Fuck
पर उस दिन जब मैंने क्लास मे एंट्री मारी तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी। सीसे सा सफेद चेहरा मोटी-मोटी आँखें। गुलाबी रंग के ड्रेस में वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। उसके बड़े-बड़े बूब्स ने मेरे अंदर एक अजीब सी खलबली मचा दी।
एक मिनिट तक वो मुझे और मैं उसे देखता रह गया। फिर जाकर उसके सामने वाली बेंच पर बैठ गया। अपनी दोस्त प्रिया से कानाफुसी करने पर पता चला की वो न्यू स्टूडेंट है उसका नाम मोनिका है। उसका नाम सुनते ही मैं उसे पेलने के सपने में खो गया।
मोनिका भी लगता है मुझसे ही चुदवाने के ही मूड में थी। कुछ समय बाद वो उठी और मेरे आगे वाली सीट पर बैठ गयी। उसके उठते ही मेरे दिल की धड़कन बढ़ गयी। क्या फिगर था। 34-24-32 के लगभग। उसके उभार भरे चूतड अब मुझे दिवाना बना रहे थे।
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अब क्लास में सर आ चुके थे। उस दिन पढाई में मेरा मन बिलकुल ही नहीं लगा। छुटृटी की बेल कब बज गयी पता ही नहीं चला। जाते-जाते उसने मेरी तरफ एक स्माइल दे दी। मैं समझ गया कि बात की जाए तो काम आगे बढ सकता है।
अगले दिन मैं क्लास में जल्दी आकर बैठ गया और मोनिका का इंतजार करने लगा। इतने में मोनिका आ गयी। कल से ज्यादा सेक्सी तो वो आज दिख रही थी। सफेद रंग का टि-शर्ट और काली जिन्स, होठों पर लाल रंग हल्की लाली, खुले बाल। माँ कसम एक नंबर की माल।
आकर मेरे आगे वाली सीट पर अपनी मोटी गांड रखकर बैठ गयी। मैंने प्यार भरी आवाज में उसे हाई बोल दिया धीरे-धीरे हम दोनों दोस्त बन गये। एक दिन हम दोनों ऐसे ही बैठकर बातें कर रहे थे तभी सर क्लास में आये और पढ़ाने लगे। मस्ती में मैंने अपना पैर उसके पैरों से रगड दिया।
उसने कुछ नहीं कहा बल्कि उसने भी वैसा ही किया। दस मिनट तक पैर रगड़ने से शायद वो गरम हो गयी थी। मैंने डरते हुए बेन्च के नीचे से हाथ डालकर हल्के से उसके चूतड सहला दिये। इस बार भी उसने कोई प्रतिरोध व्यक्त नहीं किया।
मैं समझ गया कि रास्ता साफ है, तो अब मैं बिन झिझक अपने दोनों हाथों से उसकी गांड सहलाने लगा। वासना का सैलाब उमड़ उठा था। शायद इसी वजह से उसकी आँखें बंद हो गयी थीं। अब मैंने अपना हाथ आगे बढाया और अपनी उंगलियों को उसकी नाभि पर घुमाया।
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उसने अपना सिर बेँन्च पर रख दिया। थोडा और ऊपर हाथ बढाया तो मेरे हाथों ने थोड़ा झनझनाहट महसूस की। मेरा हाथ उसकी चूचियों को दबा रहा था। ब्रा को ऊपर करके उसके काले दाने यानि निप्पल को अपनी उंगलियों के सहारे मसालने लगा।
उसके दिल की धडकन मैं साफ महसूस कर रहा था। इतने में बेल बज गयी। बेल इंटरवल की थी। उसने धीरे से अपनी ब्रा को सही किया और मुझे कैंटीन में मिलने को कहकर वहाँ से चली गयी। कैटिन में बैठ कर हम दोनों बातें करने लगे।
मैंने उसे सौरी बोला तो उसने कहा – कोई बात नहीं, मैं आपसे प्यार करती हूँ। बातचीत के दौरान पता चला कि उसका बडा भाई जो दुबई मे काम करता है। माँ भी ब्युटी पार्लर मे काम करती है। तो वो अक्सर घर मे अकेले रहती है।
उसने मुझे अगले दिन कालेज ना आने के बजाये घर आने को कहा। मैंने उसके घर का पता और फोन नंबर ले लिया। और फिर हम क्लास में चले गये। मन में खुशी और मोनिका की चूत चोदने के उत्साह से मैं काफी खुश था। घर पहूँचते ही बाथरुम मे जाकर मुठ मारी। तब जाकर मेरे अदंर लगी सेक्स की आग शांत हुई।
जैसे तैसे दिन गुजारा। शाम को ही मैंने स्ट्रावेरी फ्लेवर वाला कॉन्डोम लाकर अपनी बैग मे रख लिया। सुबह जल्दी उठकर तैयार हुआ और अपनी बाइक पर सवार होकर चल पडा। आधे घंटे में फरीदाबाद स्थित एक इमारत की पाचंवी मंजिल पर पहूँच गया।
सुबह के नौ बज रहे थे। कमरा नंबर 504 की बेल बजाई। मोनिका ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर आने को कहा। क्या कयामत लग रही थी वो नाइटी में। मुझे अपने कमरे में ले गयी। दस मिनट तक हमने बातें की फिर उसने टीवी चालू करके कहा कि आप तब तक टीवी देखो मैं स्नान करके आती हूँ।
इतना कह कर मेरे पास आई और मुस्कुराते हुए मेरे गाल पर किस की और चली गयी। कुछ समय बाद मेरे मन मे मस्ती सूझी। मैं उठा और बाथरुम की ओर चल दिया। मैं मोनिका के नग्न बदन को देखने के लिये दरवाजे के पास खड़ा हुआ कि उसने दरवाजा खोल दिया।
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वो टावेल में थी उसे इस रुप मे देख मुझसे रहा नहीं गया मैंने उसकी कमर पर हाथ रखकर अपनी ओर खीँच लिया और अपने होँठ उसके होंठों से चिपका दिए। मुँह मे मुँह डालकर उसके रस भरे होंठों को चूसने लगा। वो अब गरम हो चूकी थी।
वो टावेल में थी उसे इस रुप मे देख मुझसे रहा नहीं गया मैंने उसकी कमर पर हाथ रखकर अपनी ओर खीँच लिया और अपने होँठ उसके होंठों से चिपका दिए। मुँह मे मुँह डालकर उसके रस भरे होंठों को चूसने लगा। वो अब गरम हो चूकी थी।
मैंने देरी ना करते हुए उसे अपनी गोद मे उठा लिया और उसके कमरे में पडे बिस्तर पर लिटा दिया। उसने जैसे ही टावेल को अपने शरीर से अलग किया मैं पागल सा उसपर टुट पड़ा। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं थे। एक हाथ से मैंने उसके बुब्स दबाना शुरू किया और एक हाथ उसकी चूत पर टिका दिया। “Monika Darling Fuck”
उसकी गर्म साँसें मुझे और गरम कर रही थी। जैसे ही मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में घुसाया तो वो तड़प उठी। मैंने बिना रुके अपना काम जारी रखा उसके बुब्स अब कडक हो चुके थे। चूत से पानी की एक धार निकली। मेरा हाथ गिला हो चुका था। अब मैं उसके शरीर पर अपनी जुबान फिराते हुए नीचे की ओर बढा। अपनी जुबान से मैं पूरा रसिला पानी पी गया।
फिर मैंने उससे कहा – रानी, तेरी चूत का पानी तो बहुत टेस्टी है।
उसने कहा – राजा, क्या अपने लंड का टेस्ट नहीं चखाओगे?
मैंने बिना देरी करते हुए अपने कपडे निकाल दिये और अपने कडक लंड को उसके मुँह में ठुस दिया। मेरा मोटा लंड देखकर उसकी आँखों में चमक आ गयी। उसने मेरे लंड को चूस-चूस कर लाल कर दिया। अब मेरा लंड तनकर राड की तरह कड़क हो चुका था।
मैंने उसके मुँह में झटके देने शुरु किये। मेरा आधा लंड उसके मुँह की गहराई मे समा गया। अचानक एक तेज धार मेरे लंड से निकली। मैं झड चुका था। उसका मुँह मेरे वीर्य से भर गया था तभी मैंने अपना मुँह उसके मुँह मे डाल दिया आधा वो पी गयी और आधा मैं।
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दो मिनट तक किस करने के बाद मैंने अपना लंड उसके बुब्स पर टिका दिया। उसने भी मेरा साथ दिया और मेरे लंड से अपनी चूचियों को रगड़ने लगी। अब उसकी चूचियाँ एक रबर की गेंद की तरह गोल हो चुकी थी। अब हम 69 की अवस्था मे आकर एक दूसरे के लिंग चाटने लगे। “Monika Darling Fuck”
मैंने अपनी जुबान का नुकिला सिरा चूत की गहराई मे पँहुचा दिया। जिससे वो तिलमिला उठी और मेरे बालों को पकड कर अपनी चूत मे दबाने लगी। मैं भी गहराई मे घुसता चला जा रहा था। उसकी चूत से आ रही गंध मुझे मदहोश कर रही थी।
मेरी जीभ चूत के दाने को बारबार रगड़ रही थी। उसकी आँखें बंद हो चुकी थी। एक बार फिर वो झड़ चुकी थी। मैंने उसे अपनी बाहोँ मे भर लिया। वह कहने लगी – जानू, अब और मत तड़पाओ फाड दो मेरी इस जालिम चूत को और बना दो इसे भोसड़ा।
उसके मुँह से ऐसी बातें सुनकर मैं जोश मे आ गया। बैग में पडे कंडोम का पैकेट उसके हाथों में थमा दिया। उसने मेरे लंड को हिलाते हुए कंडोम लगा दिया और चूमते हुए शाबाशी दी। मेरा लंड अब तैयार था जन्नत के दरवाजे में घुसने के लिये।
मैंने उसकी जांघों को अपनी ओर खिंचा और चूत के फांको के बीच अपना लंड रगड़ने लगा। छेद काफी छोटा था इसलिए अंदर घुसने में तकलीफ हो रही थी। हिम्मत जुटाई और लंड को छेद के मुँह पर रख के एक हल्का झटका दिया। इतने में वो चीख पड़ी पर लंड एक इंच की दूरी तय कर चुका था।
मैंने बिना कुछ सुने एक और ठोकर मार दी। पूरा कमरा उसकी चीख से गुंज उठा। लंड भी अब आधी दूरी तय कर चुका था। मैंने अपना मुँह उसके मुँह मे डाल दिया। जिससे उसकी चीखें कम हो गयी। जोरदार ठोकर में पूरा का पूरा लंड चूत में समा गया। उसकी आँखों में आंसु आ गये। उसने दर्द के मारे अपने नाखुन मेरी पीठ पर गाडा रही थी। उसकी चूत से खून का रिसाव हो रहा था। “Monika Darling Fuck”
मैंने उससे पूछा – निकाल लूँ?
उसने कहा – नहीं, आप अपना काम जारी रखेँ।
मैंने धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरु किया। अब उसे मजा आ रहा था। उसके मुँह से – फक मी फास्ट बेबी अहह अहहऽऽऽ और जोर से, साले फाड दे। आज इसे अहहऽऽऽ हहऽऽऽ जैसी आवाजोँ से पूरा कमरा गुंज रहा था। मैंने अपनी गति और बढाई।
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मेरा लंड सीधा उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था। मैं जन्नत की सैर कर रहा था। करीब दस मिनट बाद मैं बेड पर लेट गया और वो मेरे उपर आ गयी। उसने मेरे लंड को अपने बुर के निशाने पर रखा और उपर नीचे उछलने लगी। उसके बुब्स ऊपर नीचे हो रहे थे।
मैं भी उसके चूतड़ पकड़ के झटके दे रहा था। अब मैंने उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से चोदने लगा। अब उसकी चूत कस गयी थी। मैं अब झड़ने वाला था, तो कंडोम निकाल दिया और सारा माल उसकी चुचियों पर गिरा दिया। वो भी अब झड़ चुकी थी।
दस मिनट तक हम एक दूसरे से लिपटे पड़े रहे। फिर घड़ी देखा तो साढे ग्यारह बज चुके थे। हम दोनों अब काफी थक चुके थे। इसलिये बाथरुम मे जाकर एक साथ स्नान किया और कपड़े पहनकर तैयार हो गये। ज़ोर की भूख लगी थी, इसलिये हमने एक रेस्त्रा में जाकर लंच किया।
फिर बाइक पर बिठाकर उसे उसके घर पर छोड़ दिया। चलते समय एक किस उसके होँठो पर और एक चूतड़ो पर देना नहीं भूला क्योकि गांड का उद्घाटन अभी बाकी था। इसके बाद मैं अपने घर की ओर खुशी-खुशी चल दिया। इसके बाद जब कभी मन किया मोनिका के पास पहूँच गया। कुछ दिनो बाद हमारे फाइनल एक्साम होने के बाद उसकी शादी हो गयी। हम अभी तक अच्छे दोस्त हैं। पर उसके जाने के अब तक तीन लडकियोँ की ठुकाई कर चूका हूँ।