जिस्म की भूख गैर मर्द के बाँहों में मिटी – Crazy Sex Story
Bhabhi Boyfriend Hotel Sex
हैलो, आप सभी को मेरा नमस्कार। मेरा नाम राखी है। मैं गया बिहार की रहने वाली हूं। उम्र 44 वर्ष है। मेरी शादी 16 वर्ष की उम्र में मेरे परिजनों ने करा दी थी। मेरे पति की उम्र उस वक्त 36 साल की थी। वजह ये थी कि मेरे पति की सरकारी नौकरी थी। पति की उम्र ज्यादा होने के बावजूद भी परिजनों ने शादी इसलिए करा दी थी कि मुझे भविष्य में फाइनेंस को लेकर किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। Bhabhi Boyfriend Hotel Sex
खैर शादी छोटी उम्र में हो गयी। शादी के वक्त सेक्स क्या होता हैं, संभोग क्रिया क्या होती है इन सब बातों की जानकारी मुझे नहीं थी। ना ही मेरे पति ने मुझे इन सब बातों की ओर मेरा ध्यान दिलाया था। वे बस रात को बेड पर आते थे और मेरे चूत में 4 से 5 मिनट की चुदाई कर झाड़ कर सो जाते थे।
इस दरम्यान मुझे उनसे तीन बच्चे हुए। दोस्तों आप सबों को तो ये मालूम है कि बच्चे होने के लिये जोरदार चुदाई नहीं बल्कि दो बूंद वीर्य की जरूरत होती है। जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया मेरी जवानी निखरती गयी। इधर मैं जवान हो रही थी और मेरे पति जो पहले से ही बुढे थे वे और बुढे हो रहे थे।
अब मेरे शरीर ने जोरदार सेक्स का डिमांड करना शुरू कर दिया था। बच्चों में जब तक व्यस्त रहती और घर का काम होता था तो तब तक इन सारी बातों की ओर ध्यान नहीं जाता था लेकिन जैसे ही बच्चे स्कूल और बुढा पति आफिस चला जाता था। अकेलापन अखरने लगता था और सेक्स सर पर सवार होकर तांडव करने लगता था।
इस दौरान मैं अपने हाथों से गर्मी शांत कर लेती थी लेकिन मुझे उससे लंड का मजा मिलता ही नहीं था। अब मैं 27 की हो चली थी और मेरी सही रूप से चुदाई नहीं हुई थी। मेरा मन एकदम पिसा जाने को करता था। ऐसा लगता था कि काई आए और मुझे रौंद दे। देखने में मैं काफी खुबसुरत थी।
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जब बाहर निकलती तो मेरी 36 ईंच के उरोजो को देखकर लोग पानी-पानी हो जाते थे। मेरे गद्देदार ऊभरे हुए गांड किसी को भी दीवाना बनाने के लिए काफी थे। लाइन तो काफी लोग मारते थे। लेकिन मैं मोहल्ले के किसी लौंडे से चुदना नहीं चाहती थी क्योकि साले चोद भी लेते और मुझे बदनाम भी कर देते।
बदनामी से मुझे बहुत डर लगता था। मुझे ऐसे साथी की तलाश थी जिसे मेरे अगल-बगल के लोग ना जानते हो। साफ-सुथरा हो और चोदे तो मुझे नानी याद दिला दे। ऐसे ही युवा के तलाश में मेरी रात तन्हाई में गुजर रही थी। ऐसे ही मेरे दिन गुजर रहे थे कि एक दिन मेरी मोबाइल पर एक रांग कॉल आया।
कॉल ऊठाने के बाद पूछताछ के दौरान मैने उसे बताया कि उसने गलत जगह कॉल लगा दिया है। उस अंजान सख्श की आवाज में कुछ बात थी दोस्तो। उसने कहा कि क्या हुआ अगर गलत नंबर लग गया है। बात करिये क्या दिक्कत है। मैं भी उस वक्त घर में अकेली थी। मन भी नहीं लग रहा था। सोचा, टाइम पास कर लेती हूं।
इस तरह से हम दोनो बातें करने लगे। उसने बताया कि वो दिल्ली में रहता है और वहां व्यापार करता है। उसे मन नहीं लग रहा था तो एक नंबर अंदाज में घुमा दिया। भगवान का शुक्र है कि नंबर आपको लग गया। उसके बात करने का अंदाज निराला था। उससे बात करने में मैं इतनी मशगूल हो गयी कि समय का पता ही नहीं चला।
उसने अपना नाम रोहित बताया। उसकी शादी नहीं हुई थी और उसकी उम्र 28 साल थी। मुझसे उम्र में एक साल बड़ा था। उसकी बातों से शुरू से ही मैं इंप्रेस हो गई थी। उसकी बातों से ही लगता था कि वो एक अच्छा और मैच्योर इंसान हैं। हमदोनों ने एक दूसरे के नंबर सेव कर लिये।
अब आलम ये हो गया कि रोहित से मेरी बाते रोजना होने लगी। उसे पता था कि मैं दिन भर अकेली रहती हूं। वो मुझे किसी भी वक्त बिंदास होकर फोन करने लगा। मुझे भी उसकी आदत हो गयी थी। उसके फोन का इंजतार रहता था। हमारी बातें लंबी-लंबी होने लगीं थी। जब बाते लंबी होने लगती हैं तो फिर लोग खुल कर हर बात एक-दूसरे को बोल देते हैं।
वो मेरे बारे में सब जान चूका था। उसे पता चल गया था कि मेरे पति मुझे कभी संतुष्ट नहीं कर पाया हैं। हम दोनों के बीच फोन पर सेक्सी बाते होने लगाी थी और हमलोग फोन पर सेक्स कर अपना पानी झाडने लगे थे। इस तरह 4 महिने बीत गये। रोहित ने बताया कि वो छुट्टी ले रहा है। मेरे शहर में आकर वो किसी होटल में मुझसे मिलेगा।
मैं कभी घर से बाहर नहीं गयी थी। वो भी होटल में मिलना मुझे अजीब लग रहा था। मैं बहुत डरी हुई थी किसी ने अगर देख लिया तो मेरा क्या होगा। लेकिन रोहित के जिद के आगे मैं हां कर दी। बात उसकी जिद की ही नहीं थी। दरअसल मुझे भी आग लगी हुई थी। जिस्म की भूख जब बेतहाशा बढ जाय तो इंसान को इज्जत, प्रतिष्ठा की चिंता नहीं रहती है।
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अब मुझे उसके आने का इंतजार था। उसके आने के एक दिन पहले मैंने उससे बात की। वो बहुत एक्साइटेड था। अब मेरे मन के किसी कोने मैं उसके साथ मस्ती करने का मन कर रहा था। मैंने अपनी चूत के बाल साफ किये और ब्यूटी पार्लर में जाकर अपना बदन चिकना करवाया। मैंने उससे पूछा- कैसे सेटिंग करोगे? मैं भी यहां ज्यादा बाहर नहीं निकली हूं।
उसने कहा- दिल्ली और गया के बीच ट्रेन है। मैं सवेरे ऊतर जाऊंगा। बस तुम तैयार रहना। मैं होटल बुक करके तुमको बुला लूंगा। बस तुम तैयार रहना और हां साड़ी में आना। ज्यादा टाईट कपडे मत पहन लेना। उसकी ये बात सुनकर मेरी धड़कन तेज हो गयी। मैं समझ गयी कि मेरी जबरदस्त चुदाई होने वाली है।
रोहित पूरी तैयारी से आ रहा है। बातें रोज ही होती रहती थीं और मुझे कभी भी ऐसा नहीं लगा कि वो बुरा व्यक्ति है। मैंने उससे कहा- ठीक है, मैं तैयार हूं। तुम आकर कॉल करना,मैं समय पर आ जाऊंगी। दूसरे दिन रोहित गया पहुंचकर होटल बुक कर लिया। उसके बाद उसने मुझे फोन कर आने को कहा।
उस दिन मैंने एक ब्लैक कलर की साड़ी पहन ली और अपने आपको खूब सजा संवार लिया। उन्होंने जहां मुझे बुलाया था, मैं वहां पहुंच गई। वो मुझे अपने उस होटल में ले गया जहां उसने अपना रूम बुक किया था। हम दोनों कमरे में पहुंच गए। मेरी दिल की धड़कन काफी बढी हुई थी।
कमरे में घुसते हीं उसने मुझे गले लगाया और बोला- कई दिनों से इंतजार था, मुझे तुमसे मिलकर बहुत खुशी हो रही है। कमरे की एंट्री बाहर और अंदर दोनों तरफ से थी। दो कमरा था। पहला कमरा बहुत छोटा था उसमें 4 कुर्सी, मेज और एक तखत था, अंदर का कमरा काफी साफ सुथरा और बड़ा था उसमें एक बड़ा पलंग पड़ा था। 11 बज रहे थे।
रोहित बोला- राखी, मैं यहां बैठता हूं। तुमको फ्रेश होना है तो हो लो। मैंने मुस्कराते हुआ कहा- सुबह से साड़ी लपेटी हुई है, अब कुछ हल्का हो लेती हूं। इतना सुनने के बाद रोहित मेरे बगल में बैठ गया और मेरे साड़ी को उठाकर जांघों को सहलाने लगा। मेरा रोम-रोम रोमांचित हो उठा।
उसके हाथ का छुअन मुझमें नशा घोल रहा था। मुझे उसके मर्द वाले हाथ काफी रोमाचिंत कर रहे थे। मैं पानी-पानी हो गयी थी। रोहित को मेरी तनी हुई चूचियां ललचा रही थीं। पेटीकोट उठाकर उसने नाभि के नीचे सरका दिया। अपनी बाहें फैलाते हुए कहा- गले तो मिल लो। मेरा चूत सिहर उठा था और गिला हो चूका था।
आज तक किसी और मर्द ने मुझे नहीं छुआ था। मेरा बुढा पति के बाद रोहत ही ऐसा इंसान था जिसने मेरे बदन को छुआ था। चाहते तो कई लोग थे लेकिन मैंने आज तक किसी को घास नहीं डाली थी। रोहित भी काफी रोमांचित था। हम दोनों ने एक दूसरे को कस के जकड़ लिया था।
मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं उसके जिस्म में समां जाऊ। वह एक पुतले की तरह मेरी बांहों में आ गया मैंने उसे कस कर चिपका लिया। मेरी चूचियां उसके सीने से दब रही थीं। रोहित के लंड का उभार मैं अपनी नाभि पर महसूस कर रही थी। मैंने उसे 5 मिनट तक अपने से चिपकाए रखा। उसके गालों को कस कर चूम लिया। “Bhabhi Boyfriend Hotel Sex”
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यह हमारा पहला सेक्स अनुभव था। उसके बाद मैं बाथरूम में चली गई, मैंने अपनी चड्डी और ब्रा उतार दी और ब्लाउज दुबारा से पहन लिया। बाहर आकर रोहित को दिखाती हुई बोली- इन्हें उतार कर बड़ा आराम लग रहा है। अब मेरे बदन पर ब्लाउज और पेटीकोट था।
बिस्तर पर रोहित को बैठाकर मैं उसकी गोद में लेट गई और अपने चिकने पेट पर उसका हाथ रख लिया। रोहित मेरी नाभि और पेट को सहलाने लगा। उसका मन मेरे दूध दबाने का कर रहा था लेकिन वो इसकी हिम्मत नहीं कर पा रहा था, मैं अंदर ही अंदर मुस्करा रही थी।
मैंने 2 मिनट बाद रोहित के गले में हाथ डालकर उसके होंठों को चूमते हुए बोली- यह प्यार अब तुम्हें हमेशा मिलेगा। आज तुम मुझे जैसे चाहो रौंद दो। मैं तैयार हूं। मेरी चूत की आग भड़क रही थी। रोहित ने मेरी चूचियां ब्लाउज खोलकर दबानी शुरू कर दीं। उसने मेरे उरोजों को इतना जोर से दबाया कि मैं दर्द से चीख पड़ी।
लेकिन उसके दबाव में मुझे मजा आने लगा। चुचियों को मसलते हुए रोहित ने अपना लौड़ा निकालकर मेरे हाथों में दे दिया, मैं उसे सहलाने लगी। उसके 9 इंच के लौंडे को पकड़कर मैं सिहर गयी। कहां मेरे पति का 3 इंच का लौड़ा और कहां इसका 9 इंच का लौडा। मैं समझ गयी कि राखी आज तेरी बैंड बजने वाली है।
रोहित ने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोला और मेरी चिकनी चमेली चूत को सहलाते हुए ऊंगली करने लगा। चूत बुरी तरह पानी पानी हो रही थी, मुझसे रहा नहीं गया। मुझपर सेक्स सवार हो चूका था। मैने रोहित को सीधा किया और उसका 9 इंच का लौड़ा मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
मैं चुदने के लिए पागल हो रही थी, मैंने पेटीकोट निकाल दी और रोहित के ऊपर चढ गयी। रोहित दोनो हाथों से मेरे गांड को उठाते हुए चूत को अपने मुंह के पास लाया और लेटे-लेटे पागलों की तरह चूसने लगा। मैं पूरी गर्म थी, बोली- रोहित, अब देर मत करो। मुझे चोद दो ! जल्दी चोद दो ! बहुत मन कर रहा है। “Bhabhi Boyfriend Hotel Sex”
रोहित का चौड़ा सीना और कड़ियल गोरा जिस्म देख कर मेरी चुत में चींटियां रेंगने लगीं थी। उन्होंने मुझे बेड की तरफ पीछे को धक्का दे दिया और मेरी गर्दन पर किस करने लगा। फिर उसने मेरे होंठों को अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगा। मैं उत्तेजित हुए जा रही थी।
मैं चूदने के लिये पागल हो रही थी लेकिन रोहित था कि एक मंझे हुए खिलाड़ी की तरह मेरे जिस्म के साथ खेल रहे था। वो कभी चूत चूसता, कभी होठ चूसता तो कभी चुचियों को चूसता हुए जोर से मसल डालता। मैं मस्त हो गयी थी। इस तरह की चुसाई से मेरी पूरे शरीर में सनसनी बढ़ने लगी थी।
मैं वासना में छटपटा रही थी और लंड लेने की लिये तड़प रही थी। मैंने रोहित को मिन्नते करते हुए कहा कि वे अब अपने लंड से मेरी चूत को सूजा दें। नहीं तो मैं पागल हो जाऊंगी। ये सुनकर उसने मुझे अपनी घोड़ी बना लिया। मैं भी अपने घोड़े के लंड के लिए अपनी गांड हिलाने लगी।
उन्होंने पीछे से अपना मुंह लगाया और मेरी गांड, चूत के छेद को चाटने लगे। कुछ ही पलों में उन्होंने मेरी चूत और गांड को चाट कर इतना गीला कर दिया था कि लंड एकदम अन्दर चला जाए। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था। अब वो पल आ गया था जब जब उसका लंड मेरी चूत को भेदने वाला था।
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उसने मेरी कमर जोर से पकड़ी और पूरा जोर देकर एक जोरदार धक्का मारा। लंड चूत को चीरते हुए उसमें समां गयी। मैं दर्द से चिल्ला उठी। मैंने कहा कि मुझे छोड़ दो मुझे नहीं चूदना लेकिन रोहित अब कहां मानने वाला था। उसने कमर पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली ताकि मैं हिल ना सकूं और पीछे से मेरे बालों को खोल कर पकड़ लिया और मुझे घपाघप चोदने लगा। “Bhabhi Boyfriend Hotel Sex”
अब मुझे लंड चूत में लेते हुए बहुत अच्छा लग रहा था। पहली बार कोई ऐसे पूरी मस्ती में मुझे चोदे जा रहा था। मेरे मुंह से कामुक आवाजें निकल रही थीं। मैं वासना से तड़प रही थी और मेरे चूतड़ ऊपर की तरफ उछल रहे थे। वो अपने दोनों हाथों से मेरी कमर को पकड़कर धक्का लगा रहा था।
मुझे पीछे अपनी तरफ खींच रहा था। बहुत देर तक उसने मुझे ऐसे ही चोदा। फिर मैंने उसे सीधा होने के लिए कहा क्योंकि मुझे चरम पर पहुंचने का मजा आने वाला था। उन्होंने लंड चूत से खींचा और मेरे चूतड़ पर थपकी दे दी। मैं बेड पर चित लेट गई और अपनी टांगों को ऊपर उठा लिया।
उसने भी देरी ना करते हुए अपना मूसल लंड मेरी चूत में अपना लंड गाड़ दिया और धक्के लगाने लगा। मैं अपना हाथ उनकी कमर पर फिराने लगी। मेरी चूत में लंड का गर्म अहसास हो रहा था। इस समय अपने ऊपर मुझे एक आदमी से चटनी सी बनती सी महसूस हो रही थी। वो मेरे ऊपर अपना पूरा वजन डालकर मुझे पीसते हुए चोद रहा था।
मेरा जमकर भोग कर रहा था। मुझे भी जन्नत का मजा आ रहा था। मैं उसके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसना चाह रही थी। मैं चूदाई के पूरे शबाब में थी। चूदते-चूदते मेरा बदन अकडने लगा था और मैं जोर जोर से आवाजें निकाल रही थी। मेरा पानी निकलने वाला था। अकडते हुए मैं ऐसे ही झड़ गई और निढाल हो गई।
लेकिन वो अभी तक नहीं झड़ा था। अब मुझे अपनी चूत में लंड लेना भारी हो रहा था। मैंने उससे कहा- जल्दी कीजिए प्लीज,दर्द हो रहा है। मगर उस पर मेरी बात का कोई असर नहीं हो रहा था। जब मेरी दर्द भरी आवाज और तेज हो गई, तो मुझे ऐसे तड़पता हुआ देखा तो रोहित बेहद तेज गति से चूदाई करने लगा। “Bhabhi Boyfriend Hotel Sex”
थोड़े देर के झटके के बाद वो भी झड़ गया। उसने अपने वीर्य की एक एक बूंद मेरे अन्दर निकाल दी। फिर उसने मेरे माथे पर किस किया और मुझसे कहा- बेबी आर यू सो स्वीट..आज तक ऐसी चूदाई का अनुभव मुझे नहीं हुआ था। चूदाई के बाद हम दोनों एक दूसरे से अलग हुए।
अब मैं सोचने लगी कि मेरी हवस की आग मुझे यहां तक क्यों खींच लाई। मुझे न जाने क्यों बहुत आत्मग्लानि महसूस हो रही थी। वो मुझसे पूछने लगा- क्या हुआ। मैंने ना कह कर जवाब दिया कि कुछ नहीं हुआ। फिर 10-15 मिनट बाद उसका फिर से चुत चोदने का मन करने लगा लेकिन मैं तैयार नहीं थी।
मैंने उसे मना किया लेकिन वो नहीं माना। सीधे पैरों को चौड़ी कर मेरी चूत को चूसने लगा। शुरू में मुझे बहुत अजीब लगा पर धीरे-धीरे मुझे मजा आने लगा। इस बार वो एकदम से मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे किस करने लगा। मैं भी मन बना चुकी थी और मैंने अपनी टांगें खोल दीं।
उसने फिर से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगा। बहुत देर तक मुझे ऐसे ही चोदने के बाद उसने अपना लंड मेरी चूत में से निकाल कर मेरे मुंह में दे दिया और मैं लंड चूसने लगी। मैं अपने दोनों हाथों से लंड पकड़ कर अपने मुंह से उसके लंड को चूस रही थी।
उसके लंड पर अपना हाथ फिरा आ रही थी और उनके लंड की लंबाई और मोटाई को महसूस करके लज्जत महसूस कर रही थी। कुछ देर बाद मैंने उससे कहा- बस अब फिर से मेरे अन्दर आ जाओ। वो मुझे फिर से चोदने लगा। कमरे में हमारी चुदाई की ही सिसकारियां गूंज रही थीं।
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मैं उनकी नीचे पड़ी अपनी दोनों टांगें हवा में उठा कर उनके लंड का स्वाद ले रही थी। हम दोनों के होंठ एक दूसरे के मुंह में थे। फिर उसने मुझसे कहा- बेबी, अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ। मैं उसके ऊपर चढ़ गई और उनके लंड को अपनी चुत में लेकर गांड उछालने लगी। इस आसन में मैं ज्यादा देर नहीं टिक पाई और मेरी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया।
मैं फिर से झड़ गई थी, इस बार मेरे साथ वो भी झड़ गया था। हम दोनों एक दूसरे से चिपके अपनी सांसों को नियंत्रित कर रहे थे। उसका वीर्य मेरी चूत से निकलकर मेरी मेरी जांघों पर बहने लगा था। मेरी वासना शांत हो चुकी थी। अब वहां रुकना मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था। “Bhabhi Boyfriend Hotel Sex”
मैंने उससे कहा- मैं अब जाना चाहती हूं। उन्होंने मुझसे कहा- ठीक है तुम जा सकती हो। मैं अपने कपड़े पहनने लगी, तो वो मुझसे बातें करने लगा। वो मुझे कहने लगा कि आप जैसा मेरी जिंदगी में कोई नहीं है। जिसने मेरी जिंदगी को एकदम हसीन बना दिया। तुम बहुत अच्छी हो। मैंने उनसे कहा- नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है रोहित तुम बहुत अच्छे हो।
दस मिनट बाद मैं खुद को संवार कर कमरे से निकल गई। रोहित मेरे साथ नीचे आये मुझे आटो में बैठाकर घर जाने के लिये रूखशत कर दिया। हम दोनो एक दूसरे को मुस्करा कर विदा किया। घर आने वक्त मैं सिर्फ रोहित और उसके चुदाई के ख्यालों में खोयी रही। आज मैं पूर्ण रूप से खुद को नारी महसूस कर रही थी।
मुझे ये समझ आ गया था कि क्यों लोग सेक्स के लिये इतने पागल होते हैं। चूदाई की लम्हो को याद करते मैं घर कब पहुंची पता ही नहीं चला। मैं अब भी रोहित के संपर्क में हूं। अब उसकी शादी हो चूकी है। उसके बच्चे हैं। आज भी जब हम दोनो की इच्छा होती है। एक दूसरे को कॉल करते हैं।
वो मेरे शहर आता है मेरी वासना को शांत कर चला जाता है। लेकिन रोहित से चूदने के बाद मुझे लंड की लत लग चूकी थी। आग के कहानियों में बताऊंगी कि कैसे मैंने अपनी जिस्म की भूख को अन्य मर्दो की बाहों में आकर शांत किया। तब तक मेरी कहानी का इंतजार करिये। सब्बा खैर।