Desi Lover Home Sex – रिशेदारी में आई लड़की साथ चुदाई का रिश्ता बनाया
Desi Lover Home Sex
मेरा नाम रितेश है. मे गुजरात से हू. मेरे घर मे मेरे मम्मी पापा और एक भाई है. यह कहानी मेरे और मेरी एक दूर की रिश्तेदार के बीच की है. आपने मेरी पहली कहानी को प्यार दिया तो मेरी चुदाई की और कहानिया भी आपसे साझा करने को मोटीवेटेड रहूँगा. यह मेरा प्रथम प्रयास है तो कोई ग़लती हो जाए तो क्षमा करना. आशा रखता हूँ की मेरी कहानी पढ़ते पढ़ते आप सभी के लॅंड और चुते अपनी धार बहते हुए तृप्त हो जाएँगे… Desi Lover Home Sex
तो बात है की तब मे ग्यारहवी मे पढ़ता था और मेरे घर पर मेरी एक रिश्तेदार अनुप्रिया आई हुई थी. वैसे मेरे मान मे एसा कुछ था नही पर धीरे धीरे बात ही ऐसी बन गई और यह सुंदर चुदाई वाला रिश्ता बन गया. वो यहाँ अपनी एक्जाम देने आई थी जो की करीबन. दिन चलने थे. वो कॉलेज के प्रथम वर्ष मे थी.
हम वैसे बहोत कम मिलते थे और यह बार भी काफ़ी समय के बाद मिलना हुआ था. मे भी 11 साइन्स मे था. दिनभर मे स्कूल ट्यूशन मे बिज़ी रहता पर रात को हम साथ बैठकर पढ़ते थे. और वो कभी पढ़कर बोर होती तो मे एक्टिवा पर उसे शाम मे घूमने ले जाता या हम साथ मे टेरेस पर भी जाते.
उसके एग्ज़ॅम शुरू होने के 1 हफ्ते पहले से ही वो आ गई थी. और अब वो दिनमे मेरी गैरमोजूदगी मे पढ़ाई कर लेती और मेरे आने के बाद तो हम बाते ही करते रहेते. एक रात मे हम यूही बुक्स लेकर बैठे थे और मैने शरारत करते करते उसको अपना फ़ोन वाइब्रेशन मोड़ मे रखते हुए 2-3 बार टच कराया.
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वो भी अब मस्ती करने लगी ओर मुझे छूने लगी. और यूही कुछ .-. मिनट चलता रहा फिर धीरे धीरे ऐसे ही उसने मेरे चेहरे से धीरे धीरे गर्दन, हाथ, सीना, पेट से होते हुए मेरे लॅंड पर हाथ 1-2 बार टच किया. मेरा पहली बार था, मुझे शुरू मे कुछ समज नही आया पर फिर धीरे से उसने मेरा लॅंड पेंट के उपर से ही ज़ोर से रगड़ दिया और फिर पकड़ लिया.
मुझे भी मज़ा तो आने लगा था पर मे उसे टच करने से डर रहा था. फिर मैने पूछा तो वो बोली की सिग्नल तो वाइब्रटिंग फ़ोन टच करके मैने ही दिया था. फिर मैने भी हिम्मत की और उसके चुचो को कमीज़ के उपर से दबाने लगा. और फिर उसके कमीज़ मे हाथ डालकर भी बहोत दबाए पर सब घर मे ही थे तो कभी भी किसी के भी आ जाने का डर था.
फिर यूही बैठे हुए हम एक दूसरे को छूते. मे अब उसकी चूत मे भी उंगली करने लगा था, अनुप्रिया भी मेरा लॅंड पकड़ कर रोज हिलाती. और यह अब रोज रात का और कभी सुबह स्कूल जाने से पहले चांस मिले तो सुबह भी हम एक दूसरे को खूब दबाते, रात मे अब किस भी होने लगी थी पर सबके घर मे ही होने से आगे कुछ कर नही पा रहे थे.
अब रोज कम से कम ३-४ बार तो हम एकदुसरे का पानी निकाल ही लेते थे.एक दिन रात फिर मम्मी-पापा और भाई तीनो किसी फंकशन मे गये और हम दोनो ने पढ़ाई का बहाना करते हुए जाने से माना कर दिया. मैने पूछकर जान लिया था की वो 11:30 बजे से पहेले तो आनेवाले नही है, हमारे पास पूरे ढाई – तीन घंटे थे.
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अब उनके जाने से पहेले ही हम दोनो तैयार बैठे थे. इतने दीनो से भूखे हम दोनो को आज मौका आख़िर मिल ही गया था. सबके जाते ही मैने गेट बंद किया और बालकनी मे जाकर देखता रहा जब तक सब चले नही गये. तब तक अनुप्रिया ने पूरे घर के खिड़की दरवाजे बंद कर लिए. बालकनी का दरवाजा बंद करके आते ही अनुप्रिया मुझ पर वही टूट पड़ी और हम किस करने लगे.
एकदुसरे से चिपक कर वही 10 मिनिट तक हम एकदुसरे के लिप्स चुसते रहे. फिर मैने उसके कान की लॉब को चूसना शुरू किया, इतने दीनो मे उसका यह सबसे सेंसीटिव भाग है यह मे जान चुका था. और वो अब पागल हो गई थी पूरी गरम. अब हम वही पास मे सोफे पर आ गये.
मे उसकी गर्दन पर किस करते हुए अब उसके चुचे टी-शर्ट मे हाथ डालकर दबाने लगा था. वही सोफे पर उसे लिटाकर अब टी-शर्ट उपर करके उसके पेट और नाभि पर मे किस करने लगा. अनुप्रिया अब पूरी मदहोश हो चुकी थी बस मेरा नाम लिए जा रही थी और मेरे सिर को सहलाए जा रही थी.
अब पूरी टी-शर्ट उपर करते हुए ब्रा उपर करके मे उसके चुचे चूसने लगा क्या शानदार 30-. उसके चुचे थे. जो इतने दीनो से दबाए बहोत थे पर देखने आज मिले थे. मे बारी बारी से उसके दोनो खरबूजे चुसता रहा, जब एक चुसता तो दूसरे के निप्पल को ज़ोर से दबाता और वो चिहुक उठती और ज़ोर से मेरा सिर अपने चुचो मे दबा देती.
अब वो पलटते हुए मेरे उपर आ गई अपनी गले मे अटकी टी-शर्ट और ब्रा उतार दी और मेरी शर्ट को उतारकर मेरे उपर बैठ गई. मे फिर से उसके चुचे दबाने लगा और अब वो मेरे सिर से लेकर किस करते करते मेरे सिने पर जोरो से किस करने लगी और तब तक करती रही जब तक निशान न पड़ गये.
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अब मेरे हाथ उसके पाजामे मे से उसकी चूत सहला रहे थे उसकी पूरी पेंटी अब गीली हो चुकी थी, वो अंदर ही जड़ चुकी थी और वो अपना चुचा मेरे मूह मे लगाए मेरे सिर पर किस करते हुए बस छटपटा रही थी. अब वो नीचे होते हुए मेरे पेंट को खोलने लगी, पेंट और निक्कर उतारा और मेरा लॅंड चूसने लगी.
मेरे लिए यह पहली बार था अब तक बस पॉर्न मे देखा था पर अब खुद मज़े ले रहा था. वो चूसने मे बड़ी ही माहिर थी. मे अब बस अपना 6 इंची लॅंड अनुप्रिया के मूह मे ठुसे जा रहा था और वो भी पूरा अपने मूह मे लिए पूरा मज़े से चुसते जा रही थी और उसने भी जब तक मेरा माल नही पिया छोड़ा नही. अब मे उसे उठाकर बेडरूम मे ले आया.
उसको बेड पर लिटाकर मैने उसकी सलवार और पेंटी अब निकाल दी और अब उसकी चूत पर किस करने लगा और अब धीरे धीरे उसे चाटने लगा, शुरू मे मुझे गंध और स्वाद थोड़ा अजीब लगा पर फिर मुझे भी मज़ा आने लगा. अनुप्रिया को भी मेरा लॅंड चूसना था तो अब हम 69 मे आ गये. वो एक और बार जड़ गई और मेने आज पहली बार चूत का नमकीन रस पिया था.
काफ़ी टाइम हो चुका था ओर अब हम दोनो से रहा भी नही जा रहा था तो मे अब उसके उपर आकर लॅंड को उसकी चूत ओर आसपास घिसने लगा. वो बस पागल हुई जा रही थी और बोल रही थी की रितेश डाल दो अंदर. उसने अब मेरा लोड़ा पकड़ा की नही रहा जा अभी के अभी अंदर डाल दो.
मुझे उसे तड़पते देख मज़ा आ रहा था. फिर मैने लन्ड़ उसकी चूत पर रखकर सेट किया और शॉट लगाया तो टोपा अंदर चला गया और वो भी चिल्ला पड़ी. कुछ सेकंड हम ऐसे ही रहे फिर एक और शॉट के साथ आधा लॅंड अंदर चला गया और मेरा लॅंड भी छिल गया मुझे भी अब बहोत जलन होने लगी थी.
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1-2 मिनिट हम दोनो ऐसे ही बिना हीले किस करते रहे और जब उसका पूरा ध्यान किस मे था तीसरे धक्के के साथ मैने पूरा लॅंड उसकी चूत मे डाल दिया वो रो रही थी, छटपटा रही थी, उसकी चीखे अब मेरे मूह मे ही दबी रह गई.
मैने उसके आसू छत लिए बहोत प्यार से उसे संभाला और फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो कुछ ढेर बार उसने अपनी गाँड हिलाकर एंजाय करना शुरू कर दिया तो अब मे भी पूरी मस्ती से चोदता जा रहा था. वो हर धक्के के साथ मुझे और अंदर खींचने लगी थी. हम अब किस करते करते कभी चुचे चुसते चुसते चुदाई करने लगे.
वो अब जड़ने के करीब थी तो और ज़ोर से धक्के मारने को बोल रही थी. मे भी पूरी रफ़्तार से धक्के लगता गया और उसने मेरी पूरी पीठ पर नाख़ून गडा दिए ओर जड़ गई. मे अब भी लगातार शॉट लगा रहा था. जब मेरा होने वाला था तो उसने बोला अंदर मत निकालना मुझे पीना है. “Desi Lover Home Sex”
तो अब वो फिरसे मेरा लॅंड चूसने लगी और पूरा पी गई उसके बाद भी जब तक लॅंड फिर से चुदाई के लिए तैयार नही हो गया तब तक चुसती रही. अब मैने उसको घोड़ी बनाया और पीछे से उसको चोदने लगा. वो बस चिल्ला रही थी और ज़ोर से करो और ज़ोर से करो ऐसे ही करीब 20 मिनिट तक हम चुदाई करते रहे.
फिर कुछ देर बाद मे लेट गया ओर वो उपर बैठकर चुदने लगी. मे उसके हवा मे उछलते चुचे दबाए जा रहा था. फिर जब वो थक गई तो मे उसके उपर आ गया और मे पूरे जोश से धक्के लगाता रहा जबतक दोनो जड़ नही गये. इस बार मे उसकी चूत मे ही जड़ गया और दोनो एकदुसरे से लिपट कर लेटे रहे.
फिर से हमने किस किया और एक और राउंड खेल खेला अब काफ़ी वक्त हो चुका था और घर के सब लोग कभी भी आ सकते थे, हम बाथरूम गये एकदुसरे को साफ किया और आकर कपड़े पहने फिर हम दोनो निकल पड़े मेडिकल स्टोर पर उसके लिए मैने आई-पिल लिया और फिर हम आइस्क्रीम खाकर घर आ गये.
पार्किंग मे हमने देखा की गाड़ी आ चुकी है. आते हुए लिफ्ट मे हमने किस किया और घर पर अब सब आ चुके थे तो हम भी कुछ देर छत पर टहलकर घर लौट आए. फिर वो ही सिलसिला चलता रहा रोज की तरह किस और एक दूसरे को मसलना और वो रुकी तब तक दो और बार हमे घर मे अकेले मौका मिल गया.
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और हमने बहोत मज़े किए. एक दिन जब उसका एग्ज़ॅम नही था तब भी एग्ज़ॅम का बहाना करके मे उसे दोस्त के रूम पर ल गया और वहाँ हमने खूब चुदाई की. अगली साल जब वो फिर एग्ज़ॅम देने आई तब तक उसकी सगाई हो चुकी थी पर इसबार भी उसने जमकर मेरे साथ चुदाई की और हमने खूब मज़े किए. वो कहानी फिर कभी.. “Desi Lover Home Sex”
आज अनुप्रिया की शादी हो चुकी है उसका 6 साल का बेटा भी है. मुझे और अनुप्रिया को उसकी शादी होने से पहले तक जब भी मौका मिला हमने सेक्स करने का एक मौका नही छोड़ा और आज मेरे घर के बिल्कुल पास 2 किलोमीटर दूर ही वो अपने पति और बच्चे के साथ रहती है, उसकी बहन सुनिधि भी पढ़ाई करने यही उसके साथ रहती है.
अनुप्रिया अब चुदाई के लिए तैयार नही होती पर उसकी शादी मे मैने उसकी छोटी बहन सुनिधि को पटा लिया था और आज अनुप्रिया के घर मे उसी के बेड पर उसकी बहन सुनिधि आज भी मुझसे पूरे मज़े से चुदवाति है और अनुप्रिया के पति की नोकरी की वजह से दिनभर बाहर रहने से सुनिधि की चुदाई करने का मौका महीने मे 2-3 बार तो आराम से मिल ही जाता है. अनुप्रिया को भी मेरे ओर सुनिधि की चुदाई से कोई दिक्कत नही है तो उसके घर मे होते हुए भी हम मज़े ले लेते है.