Desi Wife Sex Tips – पति को बिस्तर में खुश रखने का तरीका मिला
Desi Wife Sex Tips
चुदासी आत्मा की कहानी उन दिनों को याद करती हूँ तो मेरा मन आज भी गुदगुदा उठता है. मेरा नाम मनस्विनी है और मेरे मम्मी और पापा मुझे मन्नू कह कर बुलाते थे. राज से शादी के बाद मेरी जिन्दगी पूरी तरह बदल गयी थी. नहीं बदला था तो सिर्फ मेरा नाम. राज भी मुझे मन्नू नाम से ही बुलाते हैं और अपने सभी दोस्तों से भी मेरा परिचय भी इसी नाम से करवाते हैं. Desi Wife Sex Tips
दो साल पहले मेरी शादी अरेंज मैरिज हुई थी, राज को पहले से मैं नहीं जानती थी. वे भी मेरे होम टाउन पटना से ही थे और दिल्ली में एक बीमा एजेंट थे और काम के सिलसिले में वहीं रहते थे. शादी के चार महीने बीत जाने के बाद भी हमारे बीच में एक फासला सा महसूस होता था क्योंकि वे बहुत कम ही घर पर आते थे.
ससुराल में सभी मेरा ध्यान रखते थे मगर मेरे सभी पाठक जानते ही हैं कि ससुराल भले ही कैसी भी क्यों ना हो, उसमें मायके जितना अपनापन और आज़ादी नहीं हो सकती. राज से मुझे आज भी कोई शिकायत नहीं है, क्योंकि मेरे एक बार बोलने पर ही वे मुझे अपने साथ दिल्ली ले गए.
आप सोच रहे होंगे कि वहां के वातावरण में मैं खुश हो गयी होंगी. हाँ बिलकुल वहां मुझे आजादी मिली. राज का अटेंशन भी मिला, मगर जिस घर में रह रहे थे, वह थोड़ा छोटा महसूस होता था. राज सुबह नौ बजे घर से निकल जाते थे और शाम को सात बजे वापस आ जाते थे.
मेरे पास अब खुश होने का बहाना था क्योंकि रोजाना अपने पति के मिल पाती थी जो कि पटना में कभी कभार ही मुलाक़ात हो पाती थी. राज काम को काफी इम्पोर्टेंस देते थे. अपने काम की एवज में मिले मैडल और ट्रोफियों को वे मुझे और अपने दोस्तों को दिखाते थे. अपने पति की इस कामयाबी से मैं भी गर्व महसूस करती थी.
सुबह खाना बना कर देना और शाम का इन्तजार करना मेरी जिन्दगी थी. धीरे धीरे समय गुजरने लगा और मैं इस जिन्दगी की अभ्यस्त हो गयी. दिन की बोरियत दूर करने के लिए मैं पास के ही पार्क में जाने लगी. वहां पर खेलते हुए बच्चों को देख कर अच्छा लगता था. उसी पार्क में मेरी मुलाक़ात नीलम से हुई.
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वह अधिकतर अपने पति के साथ पार्क में घूमने आती थी, मगर कई बार वह अकेली भी आती थी. मेरे पाठक जानते हैं कि में थोड़ी संकोची स्वभाव की हूँ और अजनबियों से बात करने में झिझकती हूँ. एक दिन नीलम ने खुद ही मुझसे बात करनी चालू कर दी. उसने बताया कि वह भी बिहार से ही है.
उसकी लव मैरिज हुई थी और उसके पति शशांक जिम ट्रेनर थे और अधिकार समय घर या आसपास के इलाकों में ही रहते थे. हर बार नीलम से मिल कर मुझे अच्छा लगता था. हम एक दूसरे से इतना घुल-मिलने लगे कि हम लगभग सभी बातें एक-दुसरे से शेयर करने लगे और हमारा समय कैसे गुजरने लगा, पता ही नहीं चलता था.
नीलम काफी फ्रैंक थी. जिन बातों को बताने में मैं झिझकती थी, वह बड़ी आसानी से कह पाती थी. वह इधर उधर की खबरें भी मुझे बताती थी क्योंकि आसपास के मोहल्ले की जानकारी रखती थी. उस से मिल कर ही मुझे अहसास हुआ कि शर्म और अज्ञान ही एक इंसान के सबसे बड़े दुश्मन थे.
वह नए नए और स्टाइलिश कपडे पहनती थी. कौनसा भोजन कब बनाना चाहिए, किस भोजन में कौन से पोषक एलीमेंट्स होते हैं, इत्यादि की जानकार थी. उसके बात करने का अंदाज भी बड़ा मनोहर था. सबसे बड़ी बात यह कि वह बड़े दिल वाली थी और मुझे मेरे गंवार होने का अंदाजा नहीं होने देती थी.
इसके साथ रहते रहते एक दिन मैंने पूछ ही लिया कि तुम इतनी स्मार्ट कैसे बनी ? वह जोर से हंसी. मेरे पाठक सोच रहे होंगे कि उसने कहा होगा कि – ऐसा कुछ भी नहीं है. मगर उलटे उसने मुझ पर एक प्रश्न दाग दिया- “ अच्छा ये बताओ कि क्या तुम्हारे पति ने तुम्हें बताया है तू आजकल बदल रही है?
मैंने कहा “हां, दो दिन पहले ही तो बोला था कि क्या बात है तुझे दिल्ली की हवा लग गयी. मगर मैं उसका मतलब नहीं समझ नहीं पाई”. इससे पहले कि मेरी बात ख़त्म होती, नीलम बीच में ही बोल पड़ी-“ मुझे पता है, मैं बड़ी आश्चर्य में पड गई कि ये सब कैसे जानती है.
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मगर उस ने खुद ही बता दिया कि संगति का बड़ा असर पड़ता है, और चूँकि हम दोनों साथ साथ टाइम व्यतीत कर रहे हैं, इसलिए एक दुसरे की नकल स्वाभाविक हो जाती है, भले ही हम इन सब से अनजान रहते हैं. नीलम से मिलने के लिए मैं बेताब रहती थी, शायद अपने पति से भी ज्यादा.
शायद वह जी भर कर मेरी बात सुनती और मेरे गलत होने पर वह मुझे मशवरा भी देती थी. उससे मिलना ऐसा था मानो- मैं खुद से ही मिलती थी, बल्कि अपने ही एक परिष्कृत स्वरुप से मिलती थी. एक दिन उसने मुझ से मेरे प्रणय संबंधों के बारे में पूछा कि मैं अपने पति के साथ कैसे सेक्स करती हूँ.
मैं पहले तो थोड़ा सकपका गई, मगर थोड़ा संभल कर और झिझक के साथ मैंने बोला कि सब ठीक है. उसने मुझे छेड़ते हुए पूछा कि सही मतलब – कौन शुरुआत करता है? और कौनसा तरीका अपनाते हो. मैं फंस चुकी थी अतः जवाब देना ही मेरी मजबूरी थी.
अतः मैं बताया कि शुरुआत तो वे ही करते है, मगर इस काम में वे काफी क्रेजी हो जाते हैं और मुझे बड़ा असहज सा लगता है. मगर मेरे पास उनकी बात मानने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं रहता. बाद में वे सो जाते हैं क्यों कि उन्हें अगले दिन ड्यूटी के लिए जाना होता है.
काफी बार काम और ऑफिस को लेकर वे टेंशन में रहते हैं अतः में उनसे थोड़ी दूरी बना कर रहती हूँ. नीलम ने पूछा कि क्या मैंने पहले शुरुआत की है, खासकर छेड़-छाड़ करके. मैं बोली कि हाँ छेड़-छाड़ तो होती रहती है, मगर काम को लेके या रिश्तेदारों को लेकर. मगर वह भी बोल ही उठी कि तू बड़ी भोली है.
क्या तूने कभी पहल करके अपने पति के होठों को चूमा है या उसके लिंग को प्यार से किस किया है. यह पहला मौक़ा था कि मैं नीलम की इन बातों से बच निकलना चाहती थी, मगर चाह कर भी निकल ना पाई. और शर्माते हुए मैंने कहा कि – नहीं. उसने पूछा कि क्या ऐसा करना अच्छा नहीं लगता या डर लगता है?
मेरे पाठक जानते हैं कि प्रेम सम्बन्ध बनाते समय हर एक औरत की चाह होती है कि वह अपने पार्टनर के होठों को चूमे और लिंग को पकड़ कर उसे जी भर कर उससे खेले और प्यार करे, मगर पार्टनर की जल्दबाजी के कारण या झिझक के कारण वे ऐसा नहीं कर पाती.
हम औरतों की सबसे बड़ी बात यह है कि इस विषय के बारे में सोच तो सकती हैं, मगर बात करना बहुत असहज हो जाता है. इसलिए आज मैं नीलम के चंगुल से निकलना चाहती थी और बड़ी मुश्किल से निकल पाई. घर पर आने के बाद भी मेरे दिमाग में नीलम ही छाई रहती थी, मगर आज नीलम का दूसरा रूप देखा था.
अतः मैं बड़ी आश्चर्यचकित थी कि एक औरत इस तरह की बातें कैसे बात कर सकती है. अगले दिन सुबह ही मुझे अपने पति के साथ आगरा जाना पडा और वहां पर तीन दिन तक अपनी ननद के घर पर रही, क्योंकि वह बीमार पड़ गयी थी. वहां पर ननद के बच्चों के साथ अच्छा टाइम पास हुआ, ऐसा लगा कि बचपन वापस लौट आया हो.
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तीन दिन के बाद वापस आ गयी. वापस आ कर मैंने नीलम को फोन किया. उसने मेरा मजा लेते हुए पूछा कि – मुझे लगा कि पिछली मुलाक़ात के कारण बदहजमी हो गयी होगी और कभी दिल्ली नहीं आओगी. इस बात पर हम दोनों हंस पड़े. फोन पर ही मैंने पूछा कि आज मैं शुरुआत करना चाहती हूँ, मगर मुझे समझ में नहीं आ रहा कि कैसे करूं? कहीं राज बुरा तो नहीं मान जाएंगे?
वह मेरे मजे लेते हुए बोली कि – हाँ भई बुरा तो मान सकते हैं. मैं थोड़ा सकपका गयी. वह हँसते हुए बोली कि – ऐसा कोई मर्द नहीं जो नहीं चाहे कि उसकी पार्टनर उसके साथ पहल करे. नीलम की सभी बातें सही होती थी, मुझे नीलम पर पूरा भरोसा था, खुद से भी ज्यादा. इसलिए फोने पर मैंने कुछ टिप्स ली.
इस तरह आज मैं पूरी तरह तैयार थी कि देखते हैं कि सेक्स का वास्तविक आनंद क्या है इस काम में एक औरत किस हद तक जा सकती है. राज अपने एक क्लाइंट से मिलने गए थे, और आठ बजे तक वापस आने की कह कर गए थे. मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि डिनर मैं क्या बनाऊँ.
मेरे पाठकों का वह वर्ग जो मेरे रेसेपी सम्बंधित ब्लोग्स पढ़ते हैं, जानते हैं कि अच्छा खाना बनाना कोई मिर्च मसालों को सही अनुपात में डालना नहीं, बल्कि यह एक अनुभव की चीज है. बिना मसालों के भी अच्छे ढंग से तैयार करने पर रेसेपी बहुत ज्यादा टेस्टी बन सकती है, बशेर्ते वह कितने मन से बनाई है- सिर्फ इसी बात पर निर्भर करता है. “Desi Wife Sex Tips”
आज मैंने चटपटी मिक्स वेज और पुलाव बनाए. और खुद को तैयार किया. आज मैंने हैंगिंग पम्पकिन हेयर स्टाइल किया. राज करीब साढ़े आठ बजे आ जाये थे. उस समय मैं किचन में गयी हुई थी. वे अन्दर आ कर दूर से ही बोले कि मैं नहाने जा रहा हूँ. मैंने पहले ही गीजर ऑन कर दिया था.
अतः वे गर्म गर्म पानी से काफी देर तक नहाए. बाथरूम के दरवाजे पर ही मैंने उनके रात के कपडे रख दिए थे. वे नहा कर तरोताज़ा हो गए और खाने की टेबल के पास आकर बैठ गए. मेरे नए लुक को ख कर वे थोड़ा शर्मा से गए और अपना बचाव करते हुए बोले- कुछ खिला तो दो भई. मैंने हँसते हुए खाना परोस दिया.
आज उनको भी मुझ पर बड़ा प्यार आया था इसलिए उन्होंने अपने हाथों से मुझे खिलाया. मैंने उनसे क्लाइंट मीटिंग के बारे में बात करनी चाही, मगर उन्होंने बात इगनोर कर दी और बोला कि चलो सो जाते हैं, मुझे कल थोड़ा जल्दी जाना है. हम बालकनी के पास वाले बेड पर लेट गए. मुझे लगा कि राज सोने के मूड में हैं.
दुसरे रूम में जा कर मैंने अपनी फेवरेट अर्धपारदर्शी स्लीवलेस नाइटी पहनी और राज के पास आकर लेट गयी. अब मैं वो सब बताऊंगी जिसका इंतज़ार मेरे ज्यादातर पाठक करते हैं- बालकनी में हल्का अन्धेरा सा था. मैंने राज के सीने पर हाथ रख कर उसकी छाती पर फिराने लगी. और अपने होठों से उसके गालों को चूमने लगी.
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राज बोले- क्या कल टाइम से नहीं जाने दोगी? मैं बोली- मैंने कब मना किया. राज़ ने भी अपने गरम गर्म होठ मेरे होठों से सटा दिए और मुझे अपनी बाहों में समेट लिया. उसने मेरे चेहरे पर चुम्बनों की झड़ी सी लगा दी. मुझे बालकनी में थोड़ा अनकम्फर्ट फील हो रहा था. अतः मैं बोली कि अन्दर चलें. “Desi Wife Sex Tips”
राज बोले कि यहाँ अच्छा मौसम तो है. मैंने कहा कि आप मुझे अच्छे से दिखाई नहीं दे रहे. हम अन्दर चले गए. राज ने ट्यूब लाईट की रोशनी में मुझे देखा, अर्ध पारदर्शी नाइटी के नीचे लाल रंग की ब्रा और पेंटी साफ़ नज़र आ रही थी. मुझे देख कर राज पागल से होते जा रहे थे. मैंने उनको बेड पर बिठा दिया और उनकी शर्ट निकाल दी.
आज राज की गोरी नग्न छाती देख कर मेरी उत्तेजना बढ़ रही थी. मेरा लालच बढ़ता जा रहा था. लिंग को देखने का बड़ा मन हो रहा था, मगर थोड़ी झिझक थी. मगर नीलम की बातों पर मुझे पूरा यकीन था. मैंने राज की छाती पर बहुत से लिप-स्टिक के निशान बना दिए. धीरे से मैंने उनकी पेंट की ज़िप खोल दी.
राज ने भी सहयोग करते हुए पेंट का हुक खोल खोल दिया. मैंने धीरे धीरे पेंट नीचे सरकानी चालू कर दी. थोड़ी से देर में ही उनका गोरा लिंग उछल कर बाहर आ गया. मैं कसमसा सी गई. जी चाह रहा था कि इस लिंग को कच्चा चबा जाऊं. मैंने इत्मीनान बनाए रखा और अपने लाल लाल होठों को लिंग के ऊपर रख दिए और किस करने लगी.
जब मुझसे रहा नहीं गया तो गप से आधा लंड अपने मुंह में डाल लिया. राज के मुंह से लम्बी सी आह निकल गयी. राज भी मुझे चुमते जा रहे थे मानो शाबाशी दे रहे हों. वे लिंग को मेरे मुंह से बाहर निकाल लेते और इधर उधर हिलाने लगते, मैं भूखी शेरनी की तरह इन्तजार करती कि जब लिंग का ऊपर वाला नरम लाल हिस्सा मेरे मुंह की सीध में आता तो मैं उस को चूसने के लिए टूट पड़ती. “Desi Wife Sex Tips”
इस तरह कई देर तक यह खेल हम खेलते रहे. मेरी योनी ने तो कई बार लिंग को महसूस किया था, मगर आज पहली बार लंड को चूसने का आनन्द उठाया. यहाँ अपनी पाठकों से मैं कहना चाहूंगी कि जीवन में आप भले ही आपकी योनी ने लिंग को महसूस किया हो, मगर जब तक लंड को मुंह में लेकर इसकी गर्माहट को महसूस नहीं किया तो सब अधूरा है.
नीलम ने बताया था कि औरत के कोमल हाथों में आने से और नर्म होठों के चुम्बन से लिंग के आकार में ही नहीं, आपकी दुनिया में भी बरकत होती हैं. आज मैं साफ़ देख रही थी की आदमी भले ही कैसा भी क्यों ना हो, मगर उसका लंड हमेशा बहुत ही प्यारा होता है. मेरे प्यार ने राज को मदमस्त कर दिया.
उन्होंने मुझे अपनी गोदी में उठा कर बेड पर लिटा दिया और मेरी नाइटी को खोल कर मुझ से अलग कर दिया. ब्रा के हुक खोल कर उसने मेरे बाएँ स्तन को मुंह में ले लिया और अपनी जीभ से मेरे चुचक को मसलने लगे. मेरे पूरे बदन में सिरहन सी दौड़ उठी. उन्होंने अपने लिंग का ऊपरी हिस्सा मेरी चूत के साथ सटा दिया.
मैंने लिंग को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी. लंड जब मेरे अंकुर को छूआ तो पूरे शरीर में करंट सा दौड़ उठता. यह एक अनोखा अहसास था जो मुझे पहली बार हुआ था. लिंग के स्पर्श से मेरी पूरी योनी चिपचिपी हो उठी थी. राज ने थोड़ा सा दबाव बढ़ा कर आधा लंड मेरे अन्दर उतार दिया.
शरीर में एक कंपकंपी सी हुई और इसके साथ ही मेरी चूत गनगना उठी. मेरी चूत लालची हो उठी और मैंने राज के नितम्बों को पकडकर कर अपनी तरफ खींच लिया. इससे पूरा का पूरा लिंग मेरे अन्दर समा गया. मैं अन्दर तक सराबोर हो गयी. अब राज जोर जोर से धक्के मारते जा रहे थे और मेरे मुंह से आहें निकल रही थी. “Desi Wife Sex Tips”
मैं भी उचक उचक कर राज का साथ दे रही थी. मेरे मुंह से कभी आई लव यू राज और कभी आई लव यू नीलम निकल रहा था. मुझे पूरे शरीर में बाद एक गुदगुदी महसूस हो रही थी, मुझे पता नहीं था कि राज का शरीर कौन सा है, और मेरा शरीर कहाँ, योनी कौन-सी है और लिंग कौन-सा. बस एक अनुभूति थी.
मेरे शरीर में एक झुरझुरी सी हुई और आनंदातिरेक में मेरी योनी ने बहुत सा पानी छोड़ कर लंड को तृप्त कर दिया. कुछ देर बाद ही लिंग से अमृत धारा बह निकली और मेरी योनी को तरबतर कर दिया. आज पहली बार मैं जी भर कर चुदी थी. अगले दिन अचानक से आँख खुली, देखा तो ग्यारह बज चुके थे और बगल में ही राज गहरी नींद में सो रहे थे.
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उनका भोला सा लिंग उन से भी गहरी नींद में सो रहा था. समझ में नहीं आता कि लोग समय और पैसा बर्बाद करके संसार के सात आश्चर्य देखने जाते हैं. सबसे बड़ा आश्चर्य तो आदमी का लिंग होता है. यकीन नहीं हो रहा था यह वही लिंग है, जिसने रात भर कहर बरपाया था और अब इतना भोला बन बैठा है कि जैसे इसने कुछ किया ही न हो.
खैर जो भी हो, राज को कम्बल ओढा दिया. मैंने किचन में चाय बनाई और राज को किस करते हुए बोली, ऑफिस नहीं जाना क्या? वे बोले – कोई बात नहीं वहां भी कुछ ख़ास काम नहीं है. चलो आज तुम्हें शोपिंग करवा कर लाता हूं. आज शायद पहली बार हमने क्वालिटी टाइम पास किया था. नीलम ने जो कुछ मुझे दिया, मैं उसकी बहुत आभारी थी.
मैंने काफी सामान खरीदा. कुछ गिफ्ट्स नीलम और उसके पति के लिए भी लिए. वैसे नीलम ने मुझे कई बार अपने घर पर आने के लिए बुलाया था, मगर अपने संकोची स्वभाव के कारण मैं यह कह कर टालती रही थी कि कभी अपने पति के साथ आऊँगी. आज सही मौक़ा था और राज भी फ्री ही थे. “Desi Wife Sex Tips”
इसलिए शाम को हमने उस घर की घंटी दबाई, जिस घर का एड्रेस नीलम ने दिया था. वहां से एक बुढिया निकली. उसने पूछा कि कया काम है. मैंने कहा कि नीलम से मिलना है. अम्मा जी ने हमें अन्दर बुलाया, वहां कुछ लोग और थे. हम माजरा नहीं समझ पा रहे थे.
अम्मा जी ने पूछ कि नीलम से कब मिले थे- मैंने कहा कि कल ही फोन पर बात हुई थी और मिले थे 4-5 दिन पहले. सभी लोग आश्चर्य से हें देखने लगे. अम्मा जी एक फोटो फ्रेम ले कर आई जिस में नीलम और उसके पति की तस्वीर थी. उन्होंने मुझे दिखाते हुए बोली- इन्हीं से मिलना है.
मैं समझ नहीं पा रही थी कि यह सब क्या हो रहा है, ये लोग हमें फोटो क्यों दिखा रहे हैं. अंत में पास बैठे बुजुर्ग ने बताया कि ये फोटो उसके बेटे शशांक और बहू नीलम की है और छह महीने पहले ही इस पार्क के पास में कार एक्सीडेंट से इनकी मृत्यु हो गई थी. आज हम इनकी छहमाही कार्यक्रम कर कहे हैं.
गिफ्ट्स अम्मा जी को देते मैं सिर्फ इतना ही बोल सकी कि ये सब नीलम के लिए है, और वापस घर की तरफ दौड़ उठी. कुछ देर बाद मेरे पति भी घर वापस आ गए थे. जिस किसी को भी मैंने नीलम के बारे में बताया, सब ने इसे मेरा वहम ही करार दिया, यहाँ तक कि मेरे पति ने भी.
बहुत दिन तक मैं जहां भी जाती, मेरी आँखें हर जगह नीलम को खोजती थी, मगर आज के बाद ना तो वह कभी मुझे मिली, और ना ही फोन पर कभी बात हुई. वह मेरे लिए ही आई थी और हमेशा के लिए मेरे से दूर जा चुकी थी या शायद मेरे ही अन्दर समा चुकी थी.