Indian Chudasi Aurat – कामुक माँ ने भिखारी के लंड को भी नहीं छोड़ा
Indian Chudasi Aurat
में आप सबको एक घटना बताना चाहता हूँ, क्योंकि मुझे अपनी घर की औरतों और लड़कियों को दूसरे गैर मर्दो से चुदते हुए देखने में मज़ा आता है. मेरा लंड सिर्फ़ तब ही खड़ा होता है जब कोई आवारा आशिक या लफंगा मेरी माँ या मेरी किसी रिश्तेदार को चोद रहा होता है. मेरे सामने या जब में उनके बारे में ऐसी इच्छा रखता हूँ. Indian Chudasi Aurat
ये बात तब की है जब में और मेरी फेमिली अपने घर जा रहे थे. मेरे पापा सरकारी नौकरी में है, तब मेरे पापा की एक हिल स्टेशन में पोस्टेड थे और हम भी उनके साथ ही रहते थे. उस समय अगस्त का महीना था, ये आज से करीब 14 साल पहले की बात है, हमें एक छोटे से स्टेशन से ट्रेन में जाना था, वो स्टेशन काफ़ी छोटा सा था और हिल स्टेशन से करीब 60 किलोमीटर दूर था.
उस स्टेशन पर ज़्यादा ट्रेन नहीं आती जाती थी और यात्रियों की भीड़ भी नहीं होती थी, जैसे आजकल होती है. उस टाईम तो जनरल कोच में भी आराम से फेमिली के साथ जाया जा सकता था. हमारी ट्रेन शाम को 7 बजे थी और हम वहाँ 6 बजे ही पहुँच गये थे, जब तेज़ ठंडी हवा चल रही थी और बादल छाया हुआ था, लेकिन बारिश होने के कोई आसार नहीं थे.
स्टेशन के किनारे लगे लाल और गुलाबी फूल वाले पेड़ों की खुशबू से हवा महक रही थी, मौसम बहुत अच्छा हो रहा था. उस स्टेशन पर सिर्फ़ दो ही प्लेटफॉर्म थे, उन दोनों प्लेटफॉर्म के बीच करीब 6-7 ट्रेन लाईन थी, जिसमें से दूसरी साईड वाला प्लेटफॉर्म बहुत ही छोटा सा था और उसके पीछे एक तालाब था और वहाँ पर कुली और रेल्वे के कर्मचारी ही थे, जो बीड़ी पी रहे थे.
अब जिस प्लेटफॉर्म पर हम थे वहाँ पर बीच में छत थी, लेकिन साईड में प्लेटफॉर्म दूर तक खुला था. अब प्लेटफॉर्म पर लोग आ रहे थे और वहाँ करीब 50-60 लोग ही थे, जो कि सब शेड के नीचे बैठे थे. अब में, माँ, मेरी बहन और मेरे पापा वहाँ शेड के नीचे ही बैठे थे, जहाँ सब लोग थे.
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मेरी माँ ने लाईट ग्रीनिश ब्लू कलर की साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहना हुआ था. उनका ब्लाउज आधा स्लीव था, उनके ब्लाउज का कट नॉर्मल ही था, लेकिन मेरी माँ भरे हुए शरीर की खूबसूरत औरत है, जिस वजह से उनके नॉर्मल ब्लाउज में से भी आसानी से उनके बूब्स की दरार काफ़ी साफ उभर रही थी, जिससे उनको अपनी साड़ी के पल्लू में छुपाने की लाख कोशिशों के बाद भी लोगों को दरार के खूब नज़ारे हो जाते थे.
मेरी माँ की हाईट 5 फुट 7 इंच है, उस टाईम उनकी उम्र करीब 35 साल थी, उनका वजन नॉर्मल था, ना ज़्यादा ना कम, उनका पेट बिल्कुल चिकना और उनकी टाँगें एकदम गोरी, चिकनी, गदराई हुई थी. उनकी पतली लंबी गर्दन जो कि पीछे से काफ़ी सेक्सी लगती है और बड़ी-बड़ी भूरी आँखे जो कि लोगों को बुलावा देती है.
वो दिखने में काफ़ी गोरी है और उनको घर में इसी वजह से भूरी भी कहते थे. उनके चूतड़ भरे हुए और मोटे है जो कि उनके शरीर पर चार चाँद लगा देते है और काफ़ी देखने वाले उनके चूतड़ो को देखकर पागल हो चुके है. उस शाम को माँ ऐसे ही लोगों के लंडो पर कहर ढा रही थी और बेंच पर दो आदमियों के बगल में बैठी हुई थी और मैगज़ीन पढ़ रही थी.
मेरी बहन उस टाईम 12 साल की थी और वो पापा की काफ़ी लाड़ली है. फिर में शेड के बाहर जा कर प्लेटफॉर्म पर ही खुले में खेलने लगा और यहाँ वहाँ दौड़ रहा था. फिर मेरी बहन ने आवाज़ लगाई कि छोटू आइसक्रीम खाने आजा, लेकिन में खेलने में बहुत मस्त था और गया नहीं तो मैंने उससे कहा कि मेरे लिए ले आना.
मुझे पापा की आदत अच्छे से पता थी, वो जहाँ जाते है लोगों से दोस्ती कर लेते है और बातों में लग जातें है और 10 मिनट के काम में घंटो लगा देते है. मेरी बहन को उनमें पता नहीं क्या मज़ा आता है? उस प्लेटफॉर्म के साईड में थोड़ा आगे जाकर रेल्वे के कुछ ऑफिस थे और उसके साईड में ही एक छोटा सा रास्ता था, जहाँ से भिखारी और लोग शॉर्टकट प्लेटफॉर्म पर आते थे.
फिर मैंने पीछे माँ की तरफ देखा तो पापा सामान उठाकर शेड से दूर मेरी तरफ आ रहे थे. फिर पापा ने सामान रखा और माँ को सूटकेस पर बैठाकर स्वीटी को लेकर चले गये. फिर में माँ के पास गया और पूछा कि क्या हुआ माँ? तो उन्होंने कहा कि हमारा कोच यहीं पर आएगा और सामान ज़्यादा है तो इसलिए अभी से ही रख दिया है.
फिर में वहाँ से आगे जाकर खेलने लगा और फिर कुछ देर के बाद प्लेटफॉर्म की साईड वाली जगह से एक पागल बूढ़ा निकला. उसने फटी हुई शर्ट पहनी थी और पेंट पहना हुआ था, उसके बाल सफेद थे और उसकी उम्र करीब 60 साल के आस पास होगी, वो अपनी उम्र के हिसाब से काफ़ी फुर्तीला था और दुबला पतला भी था. उसके पैर में चप्पल भी नहीं थी.
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फिर वो बूढ़ा प्लेटफॉर्म पर आया और अपना सिर खुजाता हुआ लोगों की तरह चला गया, जो कि शेड के नीचे बैठे थे. अब माँ सूटकेस पर बैठी थी और उनके साईड में दो बॉक्स एक के ऊपर एक रखे हुए थे और उसके ऊपर एक छोटा बैग रखा हुआ था, जिसके ऊपर माँ अपना सिर टिकाकर सामने तालाब में नाव देख रही थी.
फिर वो भिखारी लोगों के पास वापस आया और अजीबो ग़रीब हरकतें करते हुए जिस रास्ते से आया था वापस चला गया. अब मुझे उससे डर लग रहा था कि कहीं वो मुझे पकड़ तो नहीं लेगा, इसलिए में माँ की तरफ जाने लगा. फिर वो पागल भिखारी लोगों से माँगे हुए पैसों से कुछ नमकीन लाया और खाने लगा.
अब मेरी नज़र उसी पागल पर टिकी हुई थी, अब पहले शायद उसका ध्यान मेरी माँ की तरफ नहीं गया था. फिर नमकीन खाने के बाद वो भिखारी उठा और माँ के पीछे जाकर खड़ा हो गया और उनको पीछे से ही आँखे मारने लगा और मुझे दिखाकर इशारे कर रहा था कि मस्त माल है.
अब में डरा हुआ था और प्लेटफॉर्म पर बैठकर फूलों से ही पेंटिंग बना रहा था. फिर उस भिखारी ने एकदम से ही ऐसी हरकत की जो कि मैंने पहले कभी नहीं देखी थी. अब वहाँ माँ को छेड़ने और लाईन मारने वालों की कमी नहीं थी, लेकिन जो भिखारी ने किया वो ज़्यादा था. अब वो भिखारी मेरी माँ के पीछे खड़ा था और अपनी बिना चैन वाली पेंट में से अपना बड़ा मोटा लंड निकाल कर हिलाने लगा.
अब वो अपनी कमर हिलाकर उनके सिर को पीछे से चोदने की एक्टिंग करने लगा. अब माँ सामने तालाब को ही देख रही थी या शायद अपनी आँखे बंद करके बैठी थी. फिर वो भिखारी फिर से धीरे-धीरे माँ के सामने आया और अपना लंड बिल्कुल उनके मुँह के पास रखा, लेकिन बिना उनके मुँह पर टच किए, तब पता चला कि वो आँखें बंद करके बैठी है.
फिर मैंने अपनी पेंट की तरफ देखा तो पाया कि ये देखकर मेरा छोटा सा लंड भी खड़ा हो गया था. फिर में बड़ी ध्यान से देखने लगा कि आगे क्या होता है? फिर उस भिखारी ने अपना लंड उनकी नाक के पास ले जाकर अपने लंड की खाल को पीछे खींचा और जैसे ही उसने ये किया तो माँ ने कुछ मुँह सा बनाया और अपनी आँखे खोलकर देखा.
शायद उस भिखारी के लंड की बदबू इतनी गंदी थी कि उसकी वजह से उनकी आखें खुल गयी थी. अब माँ की आँखे खुलते ही भिखारी ने माँ के बालों को पकड़ा और ज़ोर से अपना लंड उनके पूरे मुँह पर रगड़ दिया और फिर वहाँ से भाग गया और पानी भरने वाले नलों की दिवार के पीछे छुप गया. “Indian Chudasi Aurat”
फिर माँ ने एकदम से अपना मुँह रुमाल से छुपा लिया और फिर तुरंत ही उठ खड़ी हुई और इधर उधर देखने लगी. अब वो शायद शर्मिंदा हो रही थी कि ये इतने लोगों के सामने क्या हो गया? लेकिन कुछ ही लोगों को पता चल पाया कि भिखारी परेशान कर रहा है, लेकिन शायद ये किसी को पता नहीं चला कि वहाँ असल में हो क्या रहा है? और जिसे भी पता चला वो आपस में मज़ाक करने लगे.
अब माँ फिर से चुपचाप बैठ गयी और इतने में भिखारी उनके पीछे से फिर आया और उनके गाल पर अपने खड़े लंड से थप्पड़ मारकर भाग गया. अब माँ को शायद गाल पर लग गयी थी, अब वो अपने मुँह को रुमाल से छुपाए सिर अपने हाथों के बीच में झुकाए बैठ गयी थी. फिर में माँ के पास गया और पूछा कि माँ क्या हुआ? तो उन्होंने कहा कि कुछ नहीं आँख में कुछ चला गया है.
फिर उन्होंने पूछा कि तुमने क्या देखा बेटा? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं में तो वहाँ था. फिर मेरी माँ थोड़ी देर में अपना मुँह साफ करने चली गयी. अब माँ का गोरा गुलाबी गाल पूरा लाल हो गया था और उनके गाल पर पड़े निशान को देखकर लग रहा था कि भिखारी का लंड काफ़ी बड़ा था.
अब में वहीं बैठा रहा, फिर थोड़ी देर के बाद पीछे से जहाँ पानी भरने की जगह थी वहाँ से कुछ ज़ोर से बात करने की आवाज़ आई, तो मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और सामान की देखभाल करने लगा. अब माँ को करीब 5 मिनट हो गये थे और नल बिल्कुल पीछे था तो में देखने के लिए गया कि उन्हें क्या हुआ? और इधर उधर देखता हुआ दबे पाँव गया कहीं भिखारी मुझे पकड़ ना ले. “Indian Chudasi Aurat”
अब वहाँ पानी भरने वाली जगह के साईड में ही टायलेट था और शेड की तरफ से टायलेट बिल्कुल छुपा हुआ था, क्योंकि बीच में नलों की दिवार थी. अब टायलेट से भिखारी की अया ऊह्ह्ह की आवाज़ आ रही थी तो मुझे लगा कि शायद माँ उसे डांट रही होगी, लेकिन ना जाने क्यों मेरी लुल्ली किस चीज़ की उम्मीद करके खड़ी थी?
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फिर में 2 मिनट तक ढूंढता ही रहा कि बिना किसी को पता चले में अंदर कैसे देखूं? फिर में प्लेटफॉर्म की आखरी वाली साईड में गया और वहाँ से दीवार के ऊपर से देखा तो अब मुझे आवाज़ और भी साफ सुनाई दे रही थी. अब उस भिखारी के आआया ऊऊऊउह्ह्ह के साथ माँ की भी एम्म और आह्ह्ह्ह पककक्च जैसे आइस क्रीम चूसने जैसी आवाज़ें आ रही थी.
फिर में साईड से टायलेट में गया तो वहाँ पाँच पेशाब करने के पोर्ट थे और 3 लेट्रीन थी. फिर में एक लेट्रीन में घुस गया जिसकी साईड से आवाज़ें आ रही थी और एक पीपे पर पैर रखकर दिवार के ऊपर से देखने लगा. में वो सब देखकर पागल ही हो गया और माँ के मुँह में भिखारी का मोटा लंड था. “Indian Chudasi Aurat”
अब वो भिखारी अपनी पीठ के बल टॉयलेट की दिवार पर खड़ा था और माँ अपनी साड़ी ऊपर किए हुए नीचे झुकी हुई थी और अपनी पतली लंबी गर्दन हिला-हिलाकर उस भिखारी का लंड गीला कर रही है. अब वो भिखारी भी माँ के बालों को पकड़कर खूब ज़ोर लगा रहा था.
अब माँ को बार-बार उबकाइयाँ आ रही थी और उनके छोटे से मुँह से थूक नीचे टपक रहा था और कुछ उनके बूब्स के बीच की दरार में गायब हो रहा था. फिर माँ एकदम से खड़ी हुई और उसे डाँटने लगी कि आवाज़ मत करो वरना पुलिस को पकड़वा दूँगी और फिर से उसके लंड पर अपने प्यारे भरे हुए होंठ लगाकर चूसने लगी.
अब उस भिखारी के लंड पर उनकी पिंक लिपस्टिक लग गयी थी और उस भिखारी का लंड काला और काफ़ी मोटा था. आज भी उसका लंड मुझे करीब 8 इंच का लगता है. अब माँ सिसकारियां भरते हुए भिखारी का लंड चूस रही थी. अब में भी सोच में पड़ गया कि ये सब हो क्या रहा है?
अब मेरे मन में हजारों सवाल खड़े हो गये थे और पता नहीं कब अपने आप ही मेरा हाथ मेरी लुल्ली के ऊपर की खाल को खुजाने लगा. अब वो भिखारी हर थोड़ी देर में आउट ऑफ कंट्रोल हो जाता और अपना लंड पूरा अंदर घुसाकर माँ का दम घोटने लगता और उनके मुँह को ज़ोर-ज़ोर चोदता. फिर माँ ने कुछ मिनट तक उसका लंड चूसा और उसको पूछा.
माँ : कितना मज़ा आया तुम्हें?
फिर भिखारी ने अपनी अजीबो ग़रीब से ढंग से बताया कि बहुत मज़ा आया. फिर माँ ने उसे समझाया कि अब और भी मज़ा आएगा, लेकिन मेरी बात मानते रहना.
माँ : देखो तुम्हें पुलिस ढूंढ रही है ठीक है, में तुम्हारी दोस्त हूँ ना, तुम्हें मज़े दे रही हूँ, अब में जैसा कहूँ करते रहो तभी पुलिस वालों से बच पाओगे.
भिखारी : मज़े दो हाँ हाँ.
फिर माँ ने अपनी साड़ी को एक हाथ से ऊपर उठाकर और दूसरे से हाथ को दिवार पर लगाकर झुक गयी और अपने पीछे उस भिखारी को खड़ा कर दिया. अब उस भिखारी का लंड हवा में ऊपर नीचे झूल रहा था और इतना फूल गया था कि फटने को हो रहा था. अब भिखारी के लंड पर माँ का थूक लगने से वो पीली लाईट में चमक रहा था. “Indian Chudasi Aurat”
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माँ : तुम्हें पता है ना क्या करना है? और माँ ने उस भिखारी का लंड पकड़कर अपनी चूत पर लगाया.
भिखारी : हाँ में जानता हूँ.
लेकिन भिखारी पहले से ही तैयार था तो उसने लंड को चूत पर रखते ही झटके मारने चालू कर दिए. अब पहले झटके में ही माँ उछल पड़ी, अब उनके मुँह से लंबी सिसकारी निकल पड़ी और उन्होंने अपने चूतड़ भींच लिए.
माँ : अरे ये क्या कर रहे हो? पुलिस आ जाएगी, धीरे-धीरे करो बहुत अच्छा लगेगा. फिर उन्होंने उसका लंड अपनी चूत में खुद डाला.
माँ : अभी हिलना मत में पीछे हिलूंगी, फिर तुम धीरे-धीरे हिलना.
फिर भिखारी का लंड माँ की चूत में गया और माँ धीरे-धीरे करके पीछे होने लगी और अपने मोटे, गोरे चूतड़ आगे पीछे करके भिखारी को अपने शरीर में घुसाने लगी. फिर वो भिखारी थोड़ी देर में फिर से पागल हो गया और अपने पूरे जोश में आकर उनके चूतड़ पर अपनी कमर से थप्पड़ मारने लगा. अब माँ की ऐसी पिटाई देखकर तो मुझे भी जोश आ रहा था.
अब माँ को मज़ा भी आ रहा था और दर्द भी हो रहा था. अब जब उन्हें मज़ा आता तो वो म्म्म्मम करते हुए खुद अपनी कमर हिलाने लगती और जब दर्द होता तो सिसकारी भरकर दबी-दबी आवाज़ में ईईक की आवाज़ निकाल देती. अब माँ ने करीब 10 मिनट तक भिखारी के लंड से मार खाई. अब जब भिखारी का निकलने वाला था तो वो ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगा और अया अया करने लगा.
फिर माँ ने इस बार उसे कुछ नहीं कहा और आगे होकर उसका लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगी, ताकि उनके पागल बूढ़े भिखारी के बच्चे की माँ ना बनना पड़े, लेकिन भिखारी ज़बरदस्ती माँ की चूत मारता जा रहा था, फिर माँ ने बड़ी मुश्किल से उसका लंड अपने हाथ से पकड़कर खींचा और हाथ से हिलाने लगी.
उसका लंड इतना लंबा था कि माँ के एक हाथ से हिलाकर ऊपर से नीचे करने में लंड की खाल को काफ़ी टाईम लग रहा था. अब भिखारी का क्लाइमैक्स माँ ने बर्बाद कर दिया था, तो भिखारी को गुस्सा आ गया और उसने माँ के मुँह में अपना लंड घुसा दिया और अपने दोनों हाथों से उनके बाल पकड़कर बहुत तेज़-तेज़ उनके मुँह की चुदाई की. “Indian Chudasi Aurat”
अब माँ को काफ़ी उबकाई आ रही थी, लेकिन वो माँ को छोड़ ही नहीं रहा था. फिर कुछ ही सेकेंड के बाद माँ की साँसे घुटने लगी और वो भिखारी को हटाने लगी, लेकिन अब वो भिखारी मस्त हो गया था और अब उसे कोई नहीं रोक सकता था. फिर उस भिखारी ने उनके गले में करीब 5 मिनट के बाद अपना गाढ़ा सफेद माल छोड़ दिया, जिसके निकलते ही माँ को खांसी आ गयी, लेकिन कुछ गाढ़ा माल माँ की नाक से बाहर बहने लगा.
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फिर माँ ने भिखारी का लंड अपने मुँह से बाहर निकाल दिया और अपने मुँह से उसका माल बाहर थूक दिया. उस भिखारी ने खूब सारा माल माँ के मुँह में डाला था, फिर माँ अपना सिर पकड़े थोड़ी देर तक वैसे ही झुकी रही. फिर थोड़ी देर में माँ ठीक हो गयी और उस भिखारी को समझाया.
माँ : ऐसे ज़बरदस्ती नहीं करते, अब देखो पुलिस वाले बाहर ही है, में जाती हूँ और देखकर आती हूँ कि कोई है तो नहीं, तब तक यहाँ से बाहर मत जाना.
फिर उस भिखारी ने हाँ में अपनी गर्दन हिला दी. फिर माँ ने अपने कपड़े ठीक किए और बाल बाँधे और अपने मुँह को रुमाल से साफ किया. फिर जैसे ही माँ बाहर आने वाली थी, तो में लेट्रीन का दरवाज़ा खोलकर वहाँ से भाग आया. फिर अब में सामान के पास पहुँचा और अब मेरी चड्डी भी गीली हो गयी थी. मेरा भी पहली बार निकल गया था. उस दिन से आज तक ना तो कोई ब्लू फिल्म और ना ही कोई चुदाई ऐसी देखी है, जिसमें मेरा लंड इतना कड़क हुआ है और ना ही मेरी दिल की धड़कन कभी इतनी तेज़ हुई है. “Indian Chudasi Aurat”